राजकीय पीजी कॉलेज अंबाला कैंट में खरीद प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों, धन के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े के मामले में राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन प्राचार्य, कई सहायक प्रोफेसरों और वेंडरों समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला 14 नवंबर को एसीबी अंबाला रेंज के डीएसपी ओम प्रकाश की शिकायत पर दर्ज किया गया।
जिन अधिकारियों और वेंडरों पर आरोप दर्ज हैं, उनमें पूर्व प्राचार्य अरुण जोशी, प्राचार्य (तत्कालीन) खुशीला, वर्तमान प्राचार्य देशराज बाजवा, सहायक प्रोफेसर अतुल यादव (इतिहास), अजय चौहान (भूगोल), मुनीष त्रिगठिया (अंग्रेजी), वेंडर राकेश कालरा, राकेश कुमार और आशीष शामिल हैं। सूची में पूर्व प्राचार्य संजय कुमार का नाम भी है, जिनका निधन हो चुका है। इन सभी पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर प्रावधानों में केस दर्ज किया गया है।
यह शिकायत 5 जून 2024 को करनाल निवासी रमेश अहलावत द्वारा ईमेल के माध्यम से एसीबी को भेजी गई थी। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने एक तथ्य-खोज समिति गठित की। समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताएं सामने आने पर एसीबी को विस्तृत जांच के आदेश दिए गए।
समिति ने जांच में जिन अनियमितताओं की ओर संकेत किया
-
खरीद में फर्जीवाड़ा: बिलों में गलत जीएसटी नंबर और हेरफेर किए गए एचएसएन कोड पाए गए।
-
नियमों का उल्लंघन: आवश्यकतानुसार सरकारी जीईएम पोर्टल के माध्यम से खरीद नहीं की गई।
-
धन का दुरुपयोग: वर्ष 2021 के बाद से खरीद और निर्माण कार्यों में करीब 2 करोड़ रुपये के दुरुपयोग का अनुमान।
-
अवैध निर्माण कार्य: कॉलेज परिसर में बिना पीडब्ल्यूडी की अनुमति के खुद ही निर्माण कार्य कराए गए।
वेंडरों के दस्तावेज भी संदिग्ध
समिति ने बताया कि कई वेंडरों के जीएसटी नंबर या तो गलत पाए गए, या उन पतों पर ऐसी कोई फर्म मौजूद नहीं मिली। इससे बड़े पैमाने पर गबन और सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका और मजबूत हो गई।
मुख्य सचिव के निर्देश पर एसीबी ने मामले की औपचारिक जांच शुरू कर दी है। आगे की जांच की जिम्मेदारी महिला निरीक्षक नन्ही देवी को सौंपी गई है।