भरमौर में करीब 12 दिन से फंसे मणिमहेश यात्रा के श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने के लिए वायुसेना के एम-17 हेलीकॉप्टर ने शनिवार सुबह से अंतिम चरण का रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। सुबह आठ बजे अभियान शुरू हुआ और नौ बजे तक 23 श्रद्धालुओं को सुरक्षित चंबा पहुंचाया गया। अभियान लगातार जारी है।
प्रशासन ने कहा कि आज हर हाल में सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला जाएगा। इस दौरान कुगती में करीब 15 दिनों से फंसे शवों को भी भरमौर से रेस्क्यू कर चंबा लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को इन्हें कुगती से भरमौर पहुंचाया गया था और अब हेलीकॉप्टर से चंबा लाकर परिजनों को सौंपा जाएगा।
25 और 26 अगस्त को हुई भारी बारिश के कारण मणिमहेश यात्रा मार्ग और पुल टूट गए थे। मणिमहेश से हड़सर की ओर जाने वाले नाले में बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया था और चंबा-भरमौर हाईवे भी ध्वस्त हो गया। इसी कारण हजारों श्रद्धालु फंसे हुए थे।
इससे पहले शुक्रवार को वायुसेना के दो चिनूक हेलीकॉप्टर ने 12 उड़ानें भरकर 524 श्रद्धालुओं और तीन शवों को भरमौर से करियां होते हुए चंबा पहुंचाया था।
चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण करीब 22 किलोमीटर सड़क पूरी तरह अवरुद्ध है। इसी वजह से सड़क मार्ग से श्रद्धालुओं को निकालना संभव नहीं है और हेलीकॉप्टर ही एकमात्र विकल्प बचा है।
उपायुक्त चंबा मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि भरमौर में फंसे सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वायुसेना के एम-17 हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू अभियान लगातार चल रहा है और अब तक कई श्रद्धालुओं को सुरक्षित चंबा पहुंचाया जा चुका है। आज हमारा लक्ष्य है कि अंतिम चरण का अभियान पूरा कर सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित चंबा पहुंचाया जाए। उन्होंने श्रद्धालुओं और उनके परिजनों को आश्वस्त किया कि प्रशासन पूरी तत्परता और समन्वय के साथ इस अभियान को अंजाम दे रहा है।