बॉलीवुड अभिनेत्री और अब राजनीति में सक्रिय कंगना रनौत अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं। इस बार उन्होंने देश में तेजी से बढ़ रहे डेटिंग ऐप्स पर सवाल उठाए हैं। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कंगना ने इन प्लेटफॉर्म्स को ‘गटर’ की संज्ञा देते हुए कहा कि यह केवल “असफल लोगों” के लिए हैं, असली “अचीवर्स” के लिए नहीं। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर जोरदार बहस शुरू हो गई है। कुछ यूजर्स ने उनकी राय का समर्थन किया तो कई लोगों ने उन्हें एकतरफा और पुरानी सोच वाली करार दिया।
“डेटिंग एप्स आत्म-संदेह का परिणाम”
कंगना का कहना है कि यदि किसी इंसान की मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक जरूरतें उसके एक ही साथी से पूरी हो रही हैं, तो उसे दूसरों से मिलने की आवश्यकता नहीं पड़नी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि डेटिंग एप्स का इस्तेमाल करने वाले लोग अक्सर आत्म-संदेह या आत्म-सम्मान की कमी से जूझते हैं और बाहरी ‘वैलिडेशन’ पाने की कोशिश करते हैं।
थेरेपी की जगह डेटिंग एप नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि लोग जिन समस्याओं के समाधान के लिए काउंसलिंग या थेरेपी का सहारा लेना चाहिए, उन्हें हल करने के लिए डेटिंग ऐप्स का सहारा लेने लगते हैं। उनके अनुसार, जब भी कोई व्यक्ति इन प्लेटफॉर्म्स पर आकर्षण दिखाता है तो उससे मिलने वाली छोटी-छोटी खुशियां लोगों को इनसे जोड़कर रखती हैं।
“यहां असली अचीवर्स नहीं मिलते”
कंगना ने दावा किया कि जीवन में सफलता पाने वाले लोग ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर नहीं मिलते। उन्होंने कहा कि अच्छे जीवनसाथी घर, दफ्तर, कॉलेज या पारिवारिक जान-पहचान से मिल सकते हैं, मोबाइल स्क्रीन से नहीं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यदि 1.4 अरब की आबादी वाले देश में कोई इंसान अपने आसपास सही साथी नहीं ढूंढ पा रहा, तो शायद कमी उसी में है।

सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
कंगना के बयान ने सोशल मीडिया पर दो खेमे बना दिए हैं। कई लोगों ने कहा कि उनके विचार सही हैं और रिश्तों में गहराई कम होती जा रही है। वहीं, कुछ यूजर्स ने उन्हें ‘जजमेंटल’ बताया और तर्क दिया कि कई लोग डेटिंग एप्स के जरिए अपने जीवनसाथी से मिले हैं। एक यूजर ने लिखा, “मैं अपने पति से डेटिंग एप पर ही मिली और वही मेरी जिंदगी का सच्चा साथी हैं। एप्स खराब नहीं, लोग खराब होते हैं।” वहीं कुछ ने उनके पिछले रिश्तों का हवाला देते हुए कहा कि कंगना को दूसरों को सीख देने का हक नहीं। कुल मिलाकर, उनका यह बयान अब एक नई बहस का विषय बन गया है।