छह दिन के दिल्ली प्रवास के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन बुधवार को रांची वापस लौट आए। उनकी वापसी ने झारखंड की राजनीतिक फिज़ा में पहले से चल रही अटकलों को और हवा दे दी है। ध्यान देने योग्य बात यह रही कि मुख्यमंत्री वीवीआईपी गेट से बाहर निकले, जो आमतौर पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तेमाल के लिए आरक्षित होता है। मीडिया से बचते हुए वे सीधे मुख्यमंत्री आवास की ओर चले गए और किसी से कोई बातचीत नहीं की।
दिल्ली में हेमंत सोरेन की बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की चर्चा ने राज्य की राजनीतिक गरमाहट बढ़ा दी है। नेतृत्व में बदलाव और नए राजनीतिक समीकरणों की बातें चर्चा में हैं। हालांकि कांग्रेस के नेता और मंत्री इसे अफवाह बता रहे हैं, लेकिन छह दिनों तक दिल्ली में रहने और लौटकर भी चुप्पी साधे रहने से कई सवाल पैदा हो रहे हैं।
बीजेपी और झामुमो दोनों दलों के नेता फिलहाल इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दे रहे हैं। इसी बीच 4 दिसंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सत्तापक्ष के विधायकों की अहम बैठक बुलाई गई है। अब सभी की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं, जहां संभावना है कि मुख्यमंत्री राजनीतिक हालात पर अपनी चुप्पी तोड़ सकते हैं और कुछ स्पष्ट दिशा-निर्देश दे सकते हैं।