डिंडोरी (मध्य प्रदेश)। जिले के पकरीसोडा गांव में आंधी-तूफान के बाद गिरे विद्युत तार की चपेट में आने से एक तेंदुआ और एक सियार की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। साथ ही फॉरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वाड को भी जांच के लिए बुलाया गया।
जानकारी के अनुसार, बीते गुरुवार को तेज बारिश और तूफान के कारण 11 केवी की विद्युत लाइन का तार टूटकर एक खेत में गिर गया था। इसी खेत से गुजरते समय तेंदुआ और सियार दोनों बिजली के संपर्क में आ गए, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। एक स्थानीय किसान ने जब खेत में मृत पशुओं को देखा तो तुरंत वन विभाग को सूचित किया।
सूचना पर वन परिक्षेत्र करंजिया (पूर्व) की टीम ने मौके की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजी। इसके बाद वन अधिकारी पुनीत सोनकर के नेतृत्व में जांच टीम घटना स्थल पर पहुंची। साथ ही छत्तीसगढ़ सीमा से सटे अचानकमार टाइगर रिज़र्व और कान्हा नेशनल पार्क से भी विशेषज्ञ दलों को बुलाया गया।
विद्युत तार बना मौत का कारण
वन विभाग के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों वन्यजीवों की मृत्यु विद्युत प्रवाह के कारण हुई। घटना स्थल पर जले हुए निशान इसकी पुष्टि करते हैं। दोनों शवों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है, जिसमें जिला पशु चिकित्सालय के अधिकारी और कान्हा नेशनल पार्क के वन्यजीव चिकित्सक शामिल होंगे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और विभागीय कार्रवाई
गांववासियों का कहना है कि सीमावर्ती जंगलों से अक्सर तेंदुए, हाथी और भालू जैसे वन्यजीव भोजन और पानी की तलाश में इस क्षेत्र की ओर आते हैं। ऐसे में खुले और क्षतिग्रस्त विद्युत तारों से उनकी जान को खतरा बना रहता है। वन विभाग ने इस संबंध में बिजली विभाग को सूचना भेजकर भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए आवश्यक सावधानियाँ बरतने का अनुरोध किया है।
जांच में कोई अन्य पहलू तो नहीं?
वन अधिकारी पुनीत सोनकर ने पुष्टि की कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है। डॉग स्क्वाड को बुलाने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह पूरी तरह दुर्घटनावश करंट लगने की घटना है या इसके पीछे कोई अन्य कारण भी हो सकता है। विभागीय टीम सभी संभावित पहलुओं पर जांच कर रही है।
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