मध्य प्रदेश में राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार पर बढ़ते विवाद को देखते हुए विधायक जीतू पटवारी ने सफाई पेश की है. विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी 13 बार राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार हो चुका है. हर सदस्य को अपने अपने तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार है. मैं हमेशा सरकार से लड़ता रहा हूं और रहूंगा. हालांकि जीतू पटवारी ने कमलनाथ की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि उनके जैसा नेता ना पहले हुआ है, ना होगा.
जीतू पटवारी ने मैं उनके कदमों की धूल के बराबर भी नहीं हूं. गौरतलब है कि ट्वीट करके राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध करने के मामले में सदन में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने इससे ये कहते हुए किनारा कर लिया था कि ये कांग्रेस का फैसला नहीं था. जीतू पटवारी के राज्यपाल अभिभाषण पर सफाई देने पर मध्य प्रदेश परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कांग्रेस के अपने विधायकों ने ही पार्टी के सर्वोच्च नेता का बयान दर किनार किया है. कांग्रेस में किसी को पद नहीं मिल रहा इसलिए एक दूसरे की टांग खींच रहे हैं.
कमलनाथ ने झाड़ लिया पल्ला
उधर, राजस्व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में यह तो जंग की शुरुआत है. नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कांग्रेस में रूस और यूक्रेन जैसा घमासान होगा. राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने के मामले में जीतू पटवारी अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके हैं. ट्विटर पर विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने के ऐलान के बाद नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी उनके इस कदम से पल्ला झाड़ लिया था. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन पर कार्रवाई की मांग की है.
राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि संवैधानिक दृष्टि से देखा जाए तो मुझसे पहले 13 बार अलग-अलग राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध हुआ है. 18 पार्टियों ने एक साथ राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था.