पुणे के विवादित भूमि सौदे को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने इस विवादास्पद लेन-देन को रद्द कर दिया है। विवाद के बीच, जिसमें विपक्षी दलों ने इस्तीफे की मांग भी की थी, अजीत पवार ने कहा कि उनके बेटे पार्थ पवार और उनके व्यावसायिक साझेदार ने पुणे में जमीन खरीदी थी, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह सरकारी संपत्ति थी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सौदे की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक समिति गठित की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे की अध्यक्षता में बनी यह समिति एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सरकार ने पहले ही संबंधित जमीन सौदे के दस्तावेजों का पंजीकरण रद्द कर दिया है और अधिकारियों को हलफनामे सौंपे जा चुके हैं। पवार ने कहा कि इस सौदे में कोई भी रुपये का लेन-देन नहीं हुआ और जमीन पर कोई कब्जा नहीं किया गया।
अजीत पवार ने जोर देकर कहा कि पार्थ पवार और उनकी कंपनी अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी ने विक्रेता को कोई भुगतान नहीं किया। यह सौदा केवल एक प्रस्तावित समझौता था और लेन-देन पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यदि उनके बेटे या किसी अन्य रिश्तेदार से जुड़े किसी जमीन सौदे में अनियमितता मिलती है, तो उसे रद्द किया जाएगा।
इस बीच, पिंपरी-चिंचवाड़ पुलिस ने इस मामले में दिग्विजय पाटिल, शीतल तेजवानी और सब-रजिस्ट्रार आरबी तारू के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि शीतल तेजवानी ने पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए 272 'मालिकों' की जमीन का प्रतिनिधित्व किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस सौदे को गंभीर बताया और अधिकारियों को सभी विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि स्टांप ड्यूटी माफ करने के मामले में उनके विभाग का कोई संबंध नहीं है।
मामला करीब 300 करोड़ रुपये की जमीन खरीद से जुड़ा है। यह जमीन पुणे के पॉश इलाके मुंधवा में स्थित थी और अनुसूचित जाति के 'महार वतन' समुदाय की वंशानुगत संपत्ति थी। सौदे में पार्थ पवार की फर्म का नाम भी शामिल था और डील के दौरान 21 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क माफ किया गया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में किसी भी तरह की अनियमितता या संदेह की गुंजाइश नहीं छोड़नी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका और उनके परिवार का इस सौदे से कोई लेना-देना नहीं है और सभी जांच और कार्रवाई सरकार की प्रक्रियाओं के अनुसार होगी।