इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कन्नौज, सहारनपुर, अंबेडकर नगर और जालौन के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नीट 2025 के तहत भरे गए दाखिलों के आरक्षण आदेश रद्द कर दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि इन कॉलेजों की सीटें आरक्षण अधिनियम 2006 के अनुसार नए सिरे से भरी जाएं।
याची सबरा अहमद की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने पाया कि यूपी सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित सीटों में 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा से अधिक आरक्षण दिया, जो आरक्षण अधिनियम 2006 के खिलाफ है। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेशों को इसलिए अवैध ठहराया गया।
कोर्ट ने कहा कि आरक्षण की तय सीमा का उल्लंघन बिना कानूनी प्राधिकरण के नहीं किया जा सकता और 2010 से 2015 के बीच जारी छह शसनादेश रद्द कर दिए गए। अदालत ने निर्देश दिए कि इन चार मेडिकल कॉलेजों की सीटें आरक्षण अधिनियम 2006 के मुताबिक भरी जाएं और अगर पहले से भरी गई हैं, तो उन्हें नए सिरे से पुन: भरा जाए।