आगरा: महिला-पुलिस विवाद में नया मोड़, आयुक्त ने एफआर रद्द की

आगरा के ट्रांस यमुना थाना क्षेत्र में महिला और पुलिसकर्मियों के बीच हुए विवाद को लेकर जांच जारी है। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि चोरी के केस में बिना जांच-पड़ताल के फाइनल रिपोर्ट (एफआर) दर्ज कर दी गई। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने मामले की समीक्षा के बाद एफआर को निरस्त कर दिया है।

इस मामले की जांच पूर्व एसएचओ और इंस्पेक्टर कोतवाली भानु प्रताप यादव को सौंपी गई है। वहीं पुलिस पर लगे अन्य आरोपों की जांच एडीसीपी क्राइम हिमांशु गौरव को सौंपी गई है।

जानकारी के अनुसार, 19 अगस्त को थाने में महिला और महिला दरोगा के बीच विवाद हुआ था, जिसके दौरान मारपीट का वीडियो भी सामने आया। इसके बाद महिला के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की गई थी। जमानत मिलने के बाद महिला ने 22 अगस्त को वीडियो वायरल कर आरोप लगाए कि उन्हें मोबाइल छीनकर कमरे में बंद करके पीटा गया।

पीड़िता ट्रांस यमुना की रहने वाली है और कमला नगर में बुटिक चलाती हैं। 15 सितंबर 2024 को उनके घर में चोरी हुई थी, जिसमें लाखों के जेवरात और 80 हजार रुपए कैश चोरी होने का दावा किया गया था। चोरी की रिपोर्ट की जांच के दौरान पुलिस ने कथित तौर पर एफआर बिना महिला को जानकारी दिए दर्ज कर दी।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआर निरस्त कर दी गई है और जांच जारी है। पीड़िता के पति ने बताया कि एफआर निरस्त होने के बाद अब नए थाना प्रभारी से केस की जानकारी ली जा रही है। हालांकि, मारपीट के मामले में अब तक किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here