अमरोहा। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी के खिलाफ देशद्रोह का मामला अदालत में विचाराधीन है। यह मामला वर्ष 2020 में कोरोना लॉकडाउन के दौरान की गई एक प्रेसवार्ता से जुड़ा है। आरोप है कि उस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसी को लेकर नगर कोतवाली में उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब 20 अगस्त को इस मामले में अदालत में सुनवाई तय है।
लॉकडाउन के दौरान दर्ज हुआ था मुकदमा
कोरोना महामारी के समय सचिन चौधरी ने प्रेसवार्ता कर केंद्र और राज्य सरकार पर अव्यवस्थाओं के आरोप लगाए थे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को लेकर अपशब्द कहे और उन्हें ‘जहरीला’ तक बताया। बिना अनुमति प्रेसवार्ता करने और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी करने के आधार पर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रविंद्र सिंह ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बाद में चौधरी को जमानत मिल गई थी।
राज्यपाल से मिली थी अनुमति, पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट
चूंकि मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा था, इसलिए पुलिस ने राज्यपाल को रिपोर्ट भेजकर देशद्रोह के तहत कार्रवाई की अनुमति मांगी थी। 2021 में मंजूरी मिलने के बाद 2022 में पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। अब यह मुकदमा एक बार फिर सुर्खियों में है।
सचिन चौधरी का पक्ष
रविवार को चौधरी को इस मामले की सुनवाई की जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि उनका बयान किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं था, बल्कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें और उनके परिवार को फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “खट्टा, मीठा, नमकीन या जहरीला जैसे शब्दों पर देशद्रोह थोपना गलत है।” चौधरी का कहना है कि उन्हें इस मामले में न तो समन मिला और न कोई सूचना। वे इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी में हैं।
पुराने विवाद भी रहे हैं सुर्खियों में
सचिन चौधरी पहले भी कई मामलों में घिर चुके हैं। जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े विवादों में उनके खिलाफ अमरोहा, गजरौला, डिडौली और मुरादाबाद थानों में मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। हाल ही में उनकी फर्म अराध्यम इंफ्रा के खाते आयकर विभाग ने जब्त किए थे।
पुलिस का बयान
एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि चौधरी के खिलाफ यह पुराना मुकदमा है। चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और मामला वर्तमान में अदालत में विचाराधीन है।