सपा नेता आजम खां को सेना पर दिए विवादित बयान के मामले में कोर्ट ने राहत दे दी है। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बृहस्पतिवार को उन्हें दोषमुक्त करार दिया। यह मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना द्वारा 30 जून 2017 को सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज कराए गए FIR से जुड़ा था।

आरोप था कि आजम खां सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए सेना के जवानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।

एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलों के बाद आजम खां को बरी कर दिया गया।

मुकदमों का लंबा इतिहास
आजम खां पर अब तक 84 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 13 मामलों में फैसला सुनाया जा चुका है, जिसमें सात मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है। अन्य मामलों में वे बरी हो चुके हैं।

रामपुर जेल में पिता-पुत्र बंद
दो पैन कार्ड मामलों में आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा हुई है। अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट मामलों में भी सजा मिल चुकी है। फिलहाल दोनों रामपुर जेल में बंद हैं।