बरेली। पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का खुलासा करते हुए मदरसा संचालक समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना अब्दुल मजीद बताया जा रहा है। यह गिरोह लोगों को लालच देकर उनका धर्मांतरण करवाता था। आरोपियों के कब्जे से धार्मिक पुस्तकें, सीडी, शैक्षिक दस्तावेज, पासपोर्ट, बैंक पासबुक और आधार कार्ड बरामद हुए हैं। इस संबंध में मंगलवार को एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने प्रेसवार्ता की।
धर्मांतरण का मामला
अलीगढ़ की थाना क्वार्सी निवासी अखिलेश कुमारी ने भुता थाने में तहरीर दी थी कि उनके दृष्टिबाधित पुत्र प्रभात उपाध्याय को शादी का प्रलोभन देकर फैजनगर स्थित मदरसे में रोक रखा गया और उसका धर्मांतरण कराने की योजना बनाई जा रही थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में भोजीपुरा के सैदपुर चुन्नीलाल निवासी मोहम्मद फईम का नाम भी सामने आया।
मदरसे में चल रही थी तैयारी
एसपी अंशिका वर्मा ने बताया कि 25 अगस्त को पुलिस टीम फैजनगर स्थित मदरसे में पहुंची, जहां प्रभात को खतना करने की तैयारी चल रही थी और उसे हामिद नाम दिया जाना था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर धर्मांतरण रोक दिया। तलाशी के दौरान प्रभात के पास 10 धार्मिक पुस्तकें, 12 वीडियो सीडी और तीन धर्मांतरण प्रमाणपत्र बरामद हुए।
गिरफ्तार आरोपियों की सूची
- अब्दुल मजीद, निवासी फैजनगर, थाना भुता
- सलमान, निवासी करेली, थाना सुभाषनगर
- मोहम्मद आरिफ, निवासी करेली, थाना सुभाषनगर
- मोहम्मद फईम, निवासी सैदपुर चुन्नीलाल, थाना भोजीपुरा
पूर्व मामलों का खुलासा
जांच में पता चला कि गिरोह ने बरेली के सुभाषनगर निवासी ब्रजपाल साहू को अब्दुल्ला और उसकी बहन राजकुमारी को आयशा बनाया। मां ऊषा कुमारी का भी धर्मांतरण कराया गया। इसके अलावा एक नाबालिग लड़के को भी प्रभावित कर ड्रग्स का आदि बनाया गया।
विदेशी फंडिंग और वित्तीय जांच
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी कई राज्यों में चंदा जुटाकर मदरसा चला रहे थे। सलमान और उसकी पत्नी के 12 बैंक खाते, अब्दुल मजीद के पांच खाते और 2000 से ज्यादा लेन-देन मिले हैं। पुलिस विदेशी फंडिंग और छांगुर गैंग से संबंध की भी जांच कर रही है।
चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।