उत्तर प्रदेश में कड़ाके की सर्दी लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार की रात कानपुर का तापमान गिरकर 4.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो सामान्य से करीब 6 डिग्री कम है। इटावा और मुजफ्फरनगर में भी न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार से हवाओं का रुख बदलने की संभावना है। अरब सागर से आने वाली नमीयुक्त हवाएं तापमान में एक बार फिर उतार-चढ़ाव ला सकती हैं।
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवा की दिशा में बदलाव होगा। अगले तीन से चार दिनों में रात के तापमान में 3 से 4 डिग्री तक की तत्काल बढ़ोतरी हो सकती है। कोहरा हल्के से मध्यम दर्जे का रहने का अनुमान है, जबकि घने कोहरे की फिलहाल कोई चेतावनी नहीं है।
पहाड़ों में भी ठंड का असर तेज
उत्तर भारत में एक बार फिर मौसम करवट ले रहा है। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती प्रणालियों की सक्रियता के चलते पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक ठंड का असर और गहरा गया है। दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ठंडी हवाएं शीतलहर के हालात पैदा कर रही हैं। वहीं उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान शून्य से नीचे पहुंचने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
मौसम विभाग के ताज़ा अनुमान बताते हैं कि दिसंबर की शुरुआत के साथ ही पूरे उत्तर भारत में ठंड का असर बढ़ा है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी की आशंका बढ़ी है, जबकि मैदानी राज्यों में कोहरा और गिरते तापमान से आम जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और कई चक्रवाती प्रणालियां आने वाले दिनों में मौसम को और बदल सकती हैं।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान ठंड में बढ़ोतरी का मुख्य कारण लगातार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ है। उत्तर पंजाब के ऊपर लगभग 3.1 से 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक महत्वपूर्ण विक्षोभ सक्रिय है, जिससे उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश में चक्रवाती प्रभाव बन रहा है। इसके अलावा ऊपरी वायुमंडल में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जो आने वाले दिनों में बारिश और बर्फबारी की तीव्रता बढ़ा सकता है। इसी प्रभाव से उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वर्षा और हिमपात की संभावना जताई गई है।