गाजियाबाद। चर्चित अवैध धर्मांतरण रैकेट से कथित संबंधों के चलते गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के क्राइम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ ने निलंबित कर दिया है। उन पर वर्ष 2019 में मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक युवती के लापता होने और उससे जुड़ी जांच में लापरवाही बरतने, साथ ही पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने के गंभीर आरोप हैं।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि चर्चित छांगुर बाबा गिरोह के सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी ने उनकी बेटी को मॉडलिंग के बहाने बहलाकर अपहरण कर लिया और कथित धर्मांतरण कराया। शिकायत दर्ज कराने पर तत्कालीन थाना प्रभारी रहे इंस्पेक्टर सिद्दीकी पर कार्रवाई के बजाय धमकाने और मामला दबाने का आरोप लगा।
धर्मांतरण नेटवर्क का गाजियाबाद कनेक्शन
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन और उसके सहयोगी कथित रूप से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की युवतियों को निशाना बनाकर उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर करते थे। आरोप है कि इनमें कुछ पीड़िताओं को नशीली वस्तुएं देकर मानसिक रूप से नियंत्रण में लिया गया और कई को विदेश भेजने का झांसा देकर गायब किया गया। गाजियाबाद के गोविंदपुरम से भी ऐसे ही एक मामले में एक युवती के लापता होने की जानकारी सामने आई है। बताया गया कि इस गिरोह ने 7–8 अन्य युवतियों को भी इसी तरीके से गायब किया है।
5 जुलाई 2025 को यूपी एटीएस ने इस गिरोह के सरगना छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। जांच में विदेशी फंडिंग (पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब, तुर्की आदि) के माध्यम से रैकेट को 100-200 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद मिलने के संकेत मिले हैं।
मेरठ से गाजियाबाद तक जांच की कड़ी
मेरठ पुलिस से प्राप्त इनपुट के आधार पर गाजियाबाद पुलिस ने सिद्दीकी के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की थी। जांच में यह सामने आया कि वर्ष 2019 में मेरठ में तैनाती के दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों की शिकायतों की अनदेखी की और उनकी निष्पक्ष जांच में बाधा डाली। इसके आधार पर बुधवार रात उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, सिद्दीकी पर आरोप है कि उन्होंने मुख्य आरोपी बदर अख्तर सिद्दीकी की मदद कर कई मामलों को दबाने की कोशिश की। उल्लेखनीय है कि अब्दुल रहमान सिद्दीकी को पिछले गणतंत्र दिवस पर गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया गया था।
पुलिस आयुक्त की सख्त टिप्पणी
पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ ने स्पष्ट किया कि “किसी भी अधिकारी द्वारा अपराधियों से सांठगांठ या कर्तव्य में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर सिद्दीकी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है।”
अब एटीएस और गाजियाबाद पुलिस इस रैकेट में विदेशी फंडिंग और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश में लगी हुई है। साथ ही पुलिस विभाग में इस प्रकार की संलिप्तता की संभावनाओं को देखते हुए अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी समीक्षा की जा रही है।