जौनपुर। धर्मांतरण के खुलासे के बाद अब इस गिरोह के खिलाफ पीड़ित लोग खुलकर सामने आने लगे हैं। कोतवाली क्षेत्र के बंजारेपुर निवासी लखई राम ने पुलिस को दी तहरीर में सरकी गांव की गीता देवी, उसकी बेटी रंजना, सोनू और विजय कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ये लोग सुंदर लड़की से शादी कराने, नौकरी दिलाने और आर्थिक सहायता का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते थे।

लखई राम के मुताबिक, आरोपी गरीब और एससी-एसटी समुदाय के लोगों को निशाना बनाते थे। उन्हें ईसाई धर्म अपनाने पर दवाई-पानी और रोजमर्रा की जरूरतों का खर्च देने का झांसा दिया जाता था। आरोपी अपने घरों में ईसाई धर्मग्रंथों की प्रार्थना करवाते और फिर धर्म परिवर्तन कराते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

यूट्यूब वीडियो से चल रहा था धर्मांतरण का पाठ
पुलिस जांच में सामने आया कि गीता देवी की बेटी रंजना दो साल से यूट्यूब पर ईसाई धर्म से जुड़े वीडियो देखकर नोट्स तैयार करती थी। पुलिस ने उसके पास से दो बाइबिल, चार रजिस्टर और एक भजन संग्रह बरामद किया है। रजिस्टरों में ईसाई धर्म से संबंधित लेख और प्रार्थनाएं लिखी मिली हैं। मोबाइल और टैब से भी धर्म प्रचार से जुड़ा डिजिटल कंटेंट मिला है।

खुद को बताती थी आशा, निकली आंगनबाड़ी सहायिका
आरोपी गीता देवी खुद को आशा बताकर लोगों को झांसा देती थी, जबकि वह आंगनबाड़ी सहायिका पाई गई। उसके पास से बाइबिल, धार्मिक फोटो फ्रेम, और धर्म प्रचार सामग्री बरामद की गई। पुलिस जांच में पता चला कि वह लोगों को “चमत्कार” दिखाने और समस्याओं से मुक्ति का भरोसा देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करती थी।

प्रशासन सख्त, नौकरी भी जाएगी
एएसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव के अनुसार, सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है और बरामद सामग्री की जांच की जा रही है। वहीं डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने स्पष्ट किया कि यदि गीता देवी सरकारी कर्मचारी हैं, तो नियमों के अनुसार उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सरकारी कर्मचारी को धर्म प्रचार या इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है।