उत्तर प्रदेश के बरेली और कानपुर नगर निगम क्षेत्रों में शहरी पेयजल व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। बरेली में फेज-1 पेयजल पुनर्गठन परियोजना को व्यय वित्त समिति से ₹26,595.46 लाख की स्वीकृति मिली है। इसमें केंद्र सरकार का योगदान ₹8,530.96 लाख, राज्य सरकार का ₹14,504.95 लाख और नगर निगम का हिस्सा ₹2,559.55 लाख है। परियोजना के पूरा होने पर बरेली की लगभग 92% आबादी यानी करीब 9 लाख लोग, नियमित और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति से लाभान्वित होंगे।

कानपुर में पाइपलाइन विस्तार परियोजना

कानपुर नगर निगम के ईस्ट और साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट में ₹31,678.88 लाख की पाइपलाइन विस्तार योजना को मंजूरी मिली है। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा ₹7,610.32 लाख, राज्य सरकार का ₹18,264.77 लाख और नगर निगम का हिस्सा ₹4,566.19 लाख है। इस परियोजना से कानपुर के 33 वार्डों की पूरी आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा और जलजनित रोगों में कमी आने की उम्मीद है।

अमृत 2.0 के तहत शहरी पेयजल सुधार

उत्तर प्रदेश सरकार ने अटल नवीकरण एवं शहरी रूपांतरण मिशन अमृत 2.0 के तहत इन दोनों परियोजनाओं को मंजूरी दी है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कुल ₹582.74 करोड़ का निवेश बरेली और कानपुर के शहरी पेयजल नेटवर्क को आधुनिक और विश्वसनीय बनाएगा। इन परियोजनाओं से न केवल पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि लाखों लोगों के जीवन स्तर में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।

सरकार का मानना है कि अमृत 2.0 के तहत किए जा रहे निवेश शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूती देंगे और प्रदेश के दो बड़े शहरों में पेयजल व्यवस्था को नई दिशा प्रदान करेंगे।