भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाके में प्रशासन ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पांच सीएससी संचालकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से कई लैपटॉप, सीपीयू, मोबाइल फोन, दस्तावेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
एसपी अमित रंजन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में मच्छपकौनी गांव के चंद्रनाथ प्रताप उर्फ मुरारी कुमार, कन्हवां बाजार वार्ड नंबर 7 के सुनील कुमार, वार्ड नंबर 6 के बृजनंदन कुमार, मच्छपकौनी गांव के रघुनाथ कुमार और मधेसरा गांव निवासी अनिल कुमार शामिल हैं।
अधिकारियों को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ आधार केंद्र संचालक और एजेंट विदेशी नागरिकों को भारतीय निवासी दिखाकर अवैध तरीके से आधार कार्ड बना रहे हैं। जांच के दौरान तीन आधार कार्ड भी मिले, जिनमें से एक नेपाली नागरिक का होना प्रमाणित हुआ।
शिकायत की पुष्टि के बाद अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी अजीत कुमार तिवारी के नेतृत्व में बेला पुलिस और एसएसबी की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे अधिक पैसे कमाने के लालच में नेपाली नागरिकों और संभवतः अन्य विदेशी मूल के लोगों के लिए भी फर्जी आधार कार्ड बनाते थे।
पुलिस का मानना है कि यह काम किसी संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है। जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।