योगी कैबिनेट बैठक में आउटसोर्स सेवा निगम गठन पर मुहर संभव

लखनऊ। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी मिल सकती है। इस निगम के गठन के बाद विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवाओं को अधिक व्यवस्थित करने की योजना है। इससे इन कर्मियों को शोषण से राहत, बेहतर वेतन और अतिरिक्त सुविधाएं मिलने का रास्ता खुलेगा।

लोकभवन में सुबह 11 बजे शुरू होने वाली बैठक में लगभग दर्जनभर प्रस्तावों पर विचार होगा। सूत्रों के अनुसार, कंपनीज एक्ट के तहत पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में निगम की स्थापना पर सहमति बनने की पूरी संभावना है।

कर्मचारियों को बड़े लाभ
निगम की ओर से राज्य के 92 विभागों, निकायों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए आउटसोर्स कार्मिक उपलब्ध कराए जाएंगे। अनुमान है कि निगम बनने के बाद न्यूनतम मानदेय 16 से 18 हजार रुपये प्रतिमाह तय किया जाएगा। डॉक्टरों और विशेषज्ञों के मामले में यह मानदेय तीन से पांच लाख रुपये तक हो सकता है।

कर्मचारियों को हर महीने की 5 तारीख तक मानदेय मिलना सुनिश्चित होगा। साथ ही 12 आकस्मिक अवकाश और 10 चिकित्सीय अवकाश का अधिकार भी मिलेगा। नियुक्तियों में आरक्षण नियम लागू होंगे, जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, महिला, दिव्यांग, पूर्व सैनिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को लाभ मिलेगा। परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में स्वजन को 30 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। कार्मिकों को ईपीएफ, बीमा तथा 60 वर्ष तक सेवा का अवसर मिलेगा। सेवानिवृत्ति के बाद 1000 से 7500 रुपये तक मासिक पेंशन का प्रावधान है, जबकि अविवाहित कर्मचारी की मृत्यु पर माता-पिता को 1000 से 2900 रुपये तक पेंशन दी जाएगी।

अन्य प्रस्तावों पर भी फैसला संभव
कैबिनेट में दिव्यांग बच्चों के लिए माध्यमिक विद्यालयों में नियमित विशेष शिक्षकों की नियुक्ति पर भी निर्णय हो सकता है। फिलहाल संविदा शिक्षक कार्यरत हैं।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी को लागू करने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा जाएगा, जिससे आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स का निर्माण राज्य में शुरू हो सकेगा। इससे उद्योग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

शाहजहांपुर में शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है।

साथ ही पीएम कुसुम योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में लंबित लक्ष्यों को पूरा करने और 2025-29 तक की कार्ययोजना को स्वीकृति दिए जाने पर भी विचार होगा। इस योजना में किसानों को सोलर पंप पर 60% तक अनुदान दिया जा रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष में 45 हजार पंप स्थापित किए जाने का लक्ष्य है।

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 30 बेड की प्रथम संदर्भ इकाई (FRU) के रूप में पीपीपी मोड पर विकसित करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। इससे मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही प्रारंभिक इलाज उपलब्ध हो सकेगा।

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