उत्तर प्रदेश सरकार अक्तूबर से प्रदेश में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर ही सब्सिडी देने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है और इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है। अगर यह लागू होता है तो प्रदेश में ईवी निर्माण के लिए यूनिटें लगेंगी, जिससे रोजगार सृजन और राजस्व में वृद्धि होगी। फिलहाल देश के किसी भी हिस्से में बने ईवी को यूपी में खरीदने पर ही सब्सिडी दी जा रही है।
वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू की गई थी। इसके तहत ईवी पर सब्सिडी देकर बिक्री बढ़ाने की पहल की गई। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेशभर में बड़ी संख्या में ईवी खरीदे गए और उपभोक्ताओं ने सब्सिडी का लाभ उठाया। अब तक करीब 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है।
सब्सिडी और छूट का लाभ
- दोपहिया ईवी पर: 5,000 रुपये
- चारपहिया ईवी पर: 1,00,000 रुपये
- ई-बस पर: 20,00,000 रुपये
- ई-गुड्स कैरियर पर: 1,00,000 रुपये
परिवहन विभाग के अनुसार, अब तक 17,665 वाहन मालिकों ने इस सब्सिडी का लाभ उठाया है, जबकि 38,285 आवेदन पेंडिंग हैं। साथ ही टैक्स और पंजीकरण में छूट भी दी गई है। उन लोगों को जिन्होंने पहले शुल्क जमा किया, उन्हें रिफंड भी किया गया।
भविष्य की योजना
अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में निर्मित ईवी पर सब्सिडी देने से कंपनियों को यूपी में उत्पादन यूनिट लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे रोजगार और आर्थिक उन्नति सुनिश्चित होगी। परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने बताया कि नीति के तीन साल पूरे होने के बाद अब नया नियम लागू किया जाएगा, जिसमें केवल प्रदेश में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों पर ही सब्सिडी दी जाएगी।