कानपुर में भड़का ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद अब प्रदेश की सियासत को भी गर्मा रहा है। इसकी आंच बरेली के बाद अब राजधानी लखनऊ तक पहुंच चुकी है। मामला अब भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच पोस्टर पॉलिटिक्स में बदल गया है।
शनिवार को राजधानी की सड़कों पर भाजपा नेताओं की ओर से लगाए गए ‘आई लव योगी आदित्यनाथ’ और ‘आई लव बुलडोजर’ वाले पोस्टर पूरे दिन चर्चा का विषय बने रहे। इसके जवाब में रविवार को समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने ‘आई लव अखिलेश यादव’, ‘आई लव पीडीए’ और ‘आई लव शिक्षा, विकास, रोजगार’ जैसे नारों वाले होर्डिंग्स शहर में जगह-जगह लगवा दिए। इन पोस्टरों को राजधानी में राजनीतिक कोल्ड वॉर के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव विवेक सिंह यादव ने खुद सपा कार्यालय के बाहर बड़े पैमाने पर पोस्टर लगवाए। देखते ही देखते इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
9 सितंबर को कानपुर में बारावफात के जुलूस के दौरान एक सड़क पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर लगाए गए थे। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस ने पोस्टर हटवाए और विरोध प्रदर्शन करने पर 9 नामजद और 15 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद लखनऊ विधानसभा के पास मुस्लिम महिलाओं ने इस मुकदमे के खिलाफ ‘आई लव मोहम्मद’ वाले पोस्टरों के जरिए विरोध जताया। मामला गरमाने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बयान दिया और कहा कि “‘आई लव मोहम्मद’ कहना कोई अपराध नहीं है।”