अमरोहा: कुतुबपुर हमीदपुर के खेतों में काम कर रहे लोगों पर मादा तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में तेंदुए ने छह लोगों को घायल कर दिया, जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। लाठी-डंडों से लैस ग्रामीणों ने तेंदुए को घेरकर उसे मार गिराया।

वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच की। घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। तेंदुए की हत्या के आरोप में पुलिस और वन विभाग की टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि, थाने पहुंचे ग्रामीणों ने तीनों को छुड़ा लिया और उन्हें वहां से भगा दिया।

ग्रामीणों ने थाने में जमकर हंगामा किया। इस घटना को लेकर वन विभाग ने नामजद और अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तेंदुए का पोस्टमार्टम डीएफओ कार्यालय में कराया गया, जिसमें यह पुष्टि हुई कि तेंदुए की मौत चोट लगने से हुई है।

शनिवार सुबह लगभग 11 बजे, कुतुबपुर हमीदपुर गांव के किसान डालचंद सिंह अपने पुत्र कौकिल के साथ खेत में काम कर रहे थे, तभी पास के खेत से निकल कर मादा तेंदुआ उन पर हमला कर दिया। घटना की आवाज सुनकर आसपास काम कर रहे लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। कुतुबपुर हमीदपुर और आस-पास के गांवों से भी लोग लाठी-डंडे लेकर मौके पर आ गए और तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की।

हमले में हेतराम, कृपाल सिंह, अरविंद, धर्म सिंह और हेमराज भी घायल हो गए। गुस्साए ग्रामीणों ने तेंदुए को काफी देर तक घेरकर पीटा और अंततः मार गिराया। सूचना मिलने पर नौगांवा सादात पुलिस, वन विभाग के डिप्टी रेंजर राजीव वर्मा, वन दरोगा केपी सिंह और वनरक्षक लोकेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक तेंदुए की मौत हो चुकी थी।

घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के बाद वन विभाग ने पुलिस की मदद से तेंदुए की हत्या के आरोप में ग्राम प्रधान बृजेश के भाई राकेश और गांव के धर्मवीर व राजू को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए तीनों को नौगांवा सादात थाने लाया गया। इस पर नाराज ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर थाने पहुंच गए।

ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर लिया और वन विभाग की गाड़ी में बैठे तीनों को छुड़ा कर भगा दिया। ग्रामीणों ने तेंदुए की मौत के मामले में हुई कार्रवाई को गलत बताया और काफी हंगामा किया। बाद में पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने समझाइश के बाद स्थिति शांत कराई और तीनों आरोपियों को वापस बुलाने की बात कही।