महोबा जिले के थाना श्रीनगर अंतर्गत पवा गांव में बुधवार दोपहर एक शिक्षामित्र का शव गांव के बाहर स्थित कुएं में पाया गया। मृतक शंकरलाल राजपूत (50) दो दिन से घर से लापता थे। परिजनों का कहना है कि एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) कार्य के दबाव के कारण वह मानसिक रूप से परेशान थे और इसी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
शंकरलाल राजपूत ब्लॉक कबरई के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थे। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में उन्हें बीएलओ बृजेंद्र राजपूत की सहायता के लिए लगाया गया था।
परिवार ने बताया कि शंकरलाल 1 दिसंबर को घर से लापता हो गए थे। परिजनों ने ग्रामीणों और रिश्तेदारों के माध्यम से खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। बुधवार को ग्रामीणों ने खेतों की ओर जाते हुए कुएं के पास उनकी चप्पल देखी। शक होने पर उन्होंने कुएं में देखा तो शंकरलाल का शव पाया।
सूचना मिलने पर एसडीएम शिवध्यान पांडेय, नायब तहसीलदार विकास गोयल और थाना श्रीनगर पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू की।
शंकरलाल की बेटियों नीलम और अंजलि ने बताया कि पिता देर रात तक मतदाता सूची कार्य में व्यस्त रहते थे और लगातार दबाव में थे। यही कारण था कि वह घर से लापता हो गए।
थानाध्यक्ष जयचंद्र सिंह ने कहा कि मामले की जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट होगा। जिलाधिकारी गजल भारद्वाज ने भी पुष्टि की कि शव शिक्षामित्र शंकरलाल का ही है और आगे की कार्रवाई पोस्टमार्टम व पुलिस जांच के आधार पर होगी।
बीएलओ कार्य के तहत गांव में सात सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसमें लेखपाल, ग्राम सचिव, पंचायत सहायक, आशा, आंगनबाड़ी और सहायक शिक्षक शामिल हैं। शंकरलाल इस सहायक टीम का हिस्सा थे, जो केवल बीएलओ को सहयोग देने और मतदाताओं को प्रपत्र भरने में मदद करती थी।
अभी तक यह नहीं पता चला है कि टीम को किसी प्रकार का दबाव या कठिनाई का सामना करना पड़ा हो। घटना के सभी पहलुओं की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।