बदायूं। शहर के लालपुल स्थित बड़े सरकार परिसर में शनिवार को पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई से हड़कंप मच गया। अभियान का उद्देश्य बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की संभावित उपस्थिति की जांच करना था। हालांकि किसी विदेशी नागरिक का पता नहीं चला, लेकिन परिसर और आसपास के वर्षों से चले आ रहे अवैध कब्जों को हटाने का काम किया गया। बिना वैध पहचान पत्र के पाए गए कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया।
पुलिस और प्रशासनिक टीम ने बड़े सरकार परिसर में झोपड़ी, तिरपाल और अस्थायी आवासों की गहन जांच की। सभी से आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य वैध पहचान पत्र मांगे गए। कई लोग वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिन्हें संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया गया। साथ ही परिसर में स्थित मुसाफिरखाने में रह रहे लोगों से पूछताछ की गई, जिसमें यह सामने आया कि कई लोग अन्य जनपदों से आकर वर्षों से यहां परिवार सहित रह रहे थे।
अवैध कब्जे हटाने के निर्देश
जांच के बाद प्रशासन ने इन सभी कब्जों को गैरकानूनी घोषित करते हुए चेतावनी दी कि शाम तक स्वयं हटाए जाएं, अन्यथा बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। मौके पर एसपी सिटी विजयेंद्र द्विवेदी, सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश पाल, सीओ नगर रजनीश कुमार उपाध्याय, कोतवाली प्रभारी संजय कुमार, सिविल लाइन इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह तोमर और महिला थाना प्रभारी ज्योति सिंह सहित भारी पुलिस बल मौजूद था।
पक्के मकान और बिजली कनेक्शन भी जांच के दायरे में
छापेमारी में यह भी पाया गया कि कई लोग पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं। इनमें कुछ लोगों के नाम जमीन पर दर्ज हैं, जबकि अन्य मामलों में भूमि स्वामित्व संदिग्ध पाया गया। कई मकानों में बिना जांच-पड़ताल के बिजली मीटर लगे हुए थे। प्रशासन ने बिजली विभाग की भूमिका की जांच के संकेत दिए हैं।
बिना अनुमति का धर्मस्थल और फर्जी मदरसा
जांच के दौरान परिसर में बिना अनुमति चल रहे मदरसे का पता चला। मदरसे में दो हुक्के और फर्जी किताबें मिलीं। सूचना मिलते ही संचालक ताला लगाकर भाग गया। बाद में पुलिस ने उसे बुलाकर पहचान सुनिश्चित की। प्रशासन ने फर्जी मदरसा और प्रतिबंधित लाउडस्पीकर हटाने के निर्देश दिए।
दुकानदार और स्थायी निवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
आईडी जांच के दौरान कई दुकानदार मौके पर नहीं पहुंचे, जबकि स्थायी रूप से मकान बनाने वाले कई लोग कार्रवाई से पहले ही घरों पर ताले डालकर चले गए।
एसपी सिटी विजयेंद्र द्विवेदी ने बताया कि बड़े सरकार परिसर में बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की आशंका के चलते अभियान चलाया गया। कार्रवाई में कुछ संदिग्ध हिरासत में लिए गए और अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटाया गया। अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा।