सोरोंजी। भगवान विष्णु के तृतीय अवतार वराह की भूमि सोरोंजी में मंगलवार को विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं ने परंपरागत स्याही शोभायात्रा निकाली। दुंदुभी, त्रिशूल और फरसा के साथ साधुओं ने अपने अनोखे करतबों और भक्ति भरे नृत्यों से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।

सुबह 11 बजे हरि की पौड़ी के नागालैंड आश्रम से शुरू हुई शोभायात्रा में शंभू पंच दशनाम आवाहन सरकार गणपति अखाड़े के नेतृत्व में कई अखाड़ों के प्रमुख साधु आकर्षक डोलों में विराजमान थे। हाथों में दुंदुभी, त्रिशूल और फरसा लिए साधुओं ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। कुछ साधु भभूत से सज्जित थे, जबकि अन्य रंग-बिरंगे परिधानों में सजे हुए थे।

शोभायात्रा योगमार्ग, चक्रतीर्थ, बारु बाजार, चौंसठ, चौदहपोर, बड़ा बाजार, लहरा रोड, रामसिंहपुरा, कटरा बाजार, चंदन चौक और मेला क्षेत्र से होकर गुजरी और अंत में हरि की पौड़ी के नागालैंड घाट पर पहुंचकर साधुओं ने सामूहिक स्नान किया।

इस बार की शोभायात्रा में जूना अखाड़ा, अटल अखाड़ा, निर्वाणी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, उदासीन अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, वैष्णव चतुर्संप्रदाय, खड्ग दर्शन संप्रदाय और नागालैंड के साधु शामिल रहे। भजन “बांके बिहारी कजरारे तेरे...”, “सजा दो घर और आंगन को...” और “ऊं जय गंगे, ऊं जय वराह” ने पूरे वातावरण को भक्ति रस से भर दिया।

श्रद्धालुओं ने झांकियों और ब्रह्मलीन गणेश महाराज की झांकी पर पुष्प वर्षा कर साधुओं का स्वागत किया। साथ ही समाजसेवियों ने साधुओं को गर्म दूध और हलवा भी वितरित किया। शोभायात्रा में बाल नागा साधुओं ने भी अपनी कौशलपूर्ण करतबों से सबका ध्यान आकर्षित किया।

कार्यक्रम के अंत में नागा साधु दिवंगत महंत काशी गिरि की समाधि पर पहुंचे और वहां पूजा अर्चना के साथ परंपरागत चिलम चढ़ाने की रस्म का निर्वाह किया।

शोभायात्रा में महंत किशन गिरी, सोरोंमुनि, लच्छू बाबा, आकाश गिरी, अशोक गिरी, पर्वत गिरी, मलखान गिरी, प्रेमशंकर, महादेव गिरी, सूर्य गिरी, सीताराम दुबे, श्रीकांत तिवारी, सुनील तिवारी, अभिषेक दुबे और गंगे मिश्रा सहित बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी उपस्थित रहे।