मेरठ के शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट स्थित कॉम्प्लेक्स संख्या 661/6 में अवैध निर्माण माने गए हिस्से के ध्वस्तीकरण के पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रभावित 22 व्यापारी अब भी किसी राहत या सहायता के इंतज़ार में हैं। शुक्रवार को पीड़ित व्यापारियों ने धरनास्थल पर बैठक की और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बेरुखी पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया।
धरने में शामिल महिलाओं ने कहा कि जब दुकानें सील या बंद हुईं तो नेता सहानुभूति जताने पहुंचे, लेकिन जब सबकुछ मलबे में बदल गया, तब कोई हाल पूछने नहीं आया। शुक्रवार को भाजपा नेता विनीत अग्रवाल शारदा के मौके पर पहुंचने पर महिलाओं ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “अब आने का क्या फायदा? हमारी रोज़ी-रोटी तो छिन गई।”
विवाद की पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आवास एवं विकास परिषद ने 25 अक्टूबर को कॉम्प्लेक्स 661/6 को अवैध निर्माण घोषित करते हुए दो दिन की कार्रवाई में पूरा ढांचा गिरा दिया था। परिषद अब 31 अन्य भूखंडों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की तैयारी में है।
नेताओं के वादों पर सवाल
व्यापारियों ने आरोप लगाया कि स्थानीय नेताओं ने कार्रवाई रुकवाने का भरोसा दिलाया था। सांसद अरुण गोविल, विधायक अमित अग्रवाल और महापौर हरिकांत अहलूवालिया धरने पर पहुंचे भी थे, लेकिन ध्वस्तीकरण के बाद कोई राहत नहीं दी गई।
सोशल मीडिया पर छलका दर्द
पीड़ित व्यापारियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर अपनी व्यथा साझा की। किसी ने लिखा, “हमसे कहा गया था धैर्य रखो, पर अब हमारे पास खोने को कुछ नहीं बचा।” वहीं कुछ ने तंज करते हुए कहा कि “एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत से 22 परिवार सड़कों पर आ गए।”
कानूनी राय और मुआवजे की मांग
कानूनी विशेषज्ञ तुषार जैन का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इतर कोई स्थानीय निर्णय लिया गया है, तो वह अवमानना की श्रेणी में आएगा।
व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष जीतू सिंह नागपाल ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रत्येक व्यापारी को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है ताकि वे फिर से अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।
 
                 
                 
                 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                     
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        