दिवंगत कवि गोपालदास नीरज के पुत्र शशांक नीरज गुरुवार को अपने बेटे असीम शिखर और बेटी विदुषी के साथ जॉर्जिया से आगरा लौट आए। घर पहुंचते ही वे भावुक हो उठे और कहा कि भारत लौटकर बेहद सुकून मिला है। उन्होंने स्वीकार किया कि वापसी की राह आसान नहीं थी—मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं और एक समय उम्मीदें टूटती सी लग रही थीं।
शशांक नीरज, जो बल्केश्वर क्षेत्र के निवासी हैं, ने घर लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में बताया कि वे 16 जून को अपने बच्चों के साथ जॉर्जिया गए थे और 22 जून को भारत लौटने का कार्यक्रम था। लेकिन इसी बीच ईरान-इजरायल के बीच तनाव गहराने लगा, जिससे उड़ानें प्रभावित हो गईं।
उन्होंने बताया कि 25 जून की फ्लाइट के लिए करीब दो लाख रुपये खर्च कर टिकट बुक कराई थी, लेकिन युद्ध की आशंका को देखते हुए उसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद 23 जून के लिए नई टिकट ली गई, लेकिन पहले की टिकट कैंसिल कराने में ही करीब 80 हजार रुपये कट गए। नई उड़ान बुक करने में अतिरिक्त खर्च भी करना पड़ा, जिससे आर्थिक रूप से दबाव और बढ़ गया।
शशांक ने कहा कि जॉर्जिया में पैसे बचाने के लिए वे दिन में केवल एक बार भोजन करते थे और बार-बार एयरपोर्ट जाकर उड़ानों की जानकारी लेते थे। परिवार और परिचितों की मदद से ही वे गुरुवार सुबह 9:30 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर सुरक्षित पहुंच सके। उन्होंने भारत लौटने पर गहरी राहत और संतोष व्यक्त किया।
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