अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इसमें श्रद्धालुओं को दो प्रमुख सलाह दी गई हैं—पहली, वे अकेले यात्रा न करें और दूसरी, जम्मू से केवल सुरक्षा काफिले के साथ ही रवाना हों।
यह निर्देश उस समय और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है जब हाल ही में उधमपुर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ की घटना सामने आई है। बता दें कि जम्मू से श्रीनगर की ओर जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग अमरनाथ यात्रियों की मुख्य मार्ग में से एक है, जो उधमपुर से होकर गुजरता है।
दो जुलाई को रवाना होगा पहला जत्था
अमरनाथ यात्रा इस वर्ष तीन जुलाई से आरंभ हो रही है, जो नौ अगस्त तक चलेगी। श्रद्धालुओं का पहला जत्था दो जुलाई को जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से रवाना होगा। ऐसे में सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है।
आईजीपी टूटी ने दी जानकारी
जम्मू जोन के पुलिस महानिरीक्षक भीमसेन टूटी ने गुरुवार को जिला पुलिस लाइन में पत्रकारों से बात करते हुए एडवाइजरी की जानकारी साझा की। वे अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को व्यक्तिगत रूप से यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि वे सुरक्षा काफिले के साथ रवाना होते हैं, तो उन्हें रास्ते में किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं होगी और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह सुनिश्चित रहेगी। जबकि अकेले यात्रा करने वालों को कई चेकिंग पॉइंट्स पर जांच से गुजरना पड़ सकता है, जिससे परेशानी और खतरा दोनों हो सकता है।
इस बार सुरक्षा व्यवस्था में शामिल होंगी सीआरपीएफ की 30 अतिरिक्त कंपनियां
आईजीपी ने यह भी बताया कि इस वर्ष जम्मू क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 30 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। हालांकि उन्होंने कुल तैनात जवानों की संख्या का खुलासा नहीं किया। बताया जा रहा है कि इस बार अमरनाथ गुफा के आधार शिविर की जिम्मेदारी भी सीआरपीएफ को सौंपी गई है, जबकि पिछली बार आईटीबीपी की बटालियन तैनात थी।
स्वतंत्र रूप से यात्रा करने वालों की संख्या अधिक
जम्मू होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन गुप्ता के अनुसार, अब भी 60 से 70 प्रतिशत श्रद्धालु व्यक्तिगत रूप से यात्रा करना पसंद करते हैं। पहलगाम और बालटाल जैसे स्थलों पर इनके लिए तत्काल पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही अब कश्मीर तक रेल सेवा भी उपलब्ध होने के कारण इस वर्ष यह संख्या और बढ़ सकती है।
उन्होंने बताया कि 2023 की यात्रा के दौरान केवल 39 प्रतिशत श्रद्धालु ही सुरक्षा काफिले के साथ रवाना हुए थे, जबकि 31 प्रतिशत ने भगवती नगर से समूह में यात्रा की थी। बाकियों ने निजी स्तर पर यात्रा की थी।