मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज जिले में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सोरोंजी की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता संभल के समान है, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इस क्षेत्र के विकास की उपेक्षा की। उन्होंने बताया कि 2008 में कासगंज को जिला घोषित किए जाने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया। कई जिलों में तो पुलिस लाइन तक नहीं थी और डीएम तथा एसपी को ब्लॉक स्तर पर काम करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन सभी जिलों में आवश्यक ढांचे और सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।

मुख्यमंत्री ने जिले के धार्मिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह भूमि भगवान विष्णु के तीसरे अवतार भगवान वराह और महर्षि कपिल की तपस्थली रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सोरों और संभल दोनों ही धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं—जहां एक ओर सोरों भगवान वराह की भूमि है, वहीं संभल को भगवान विष्णु के दसवें अवतार से जोड़ा जाता है।

उन्होंने यह भी बताया कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण भी विष्णु के ही अवतार हैं। योगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने न सिर्फ कासगंज की धार्मिक पहचान को समझा, बल्कि इस क्षेत्र के विकास को भी प्राथमिकता दी है। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और भाजपा नेता भी मंच पर उपस्थित थे।

शिक्षा और बुनियादी विकास को मिली नई दिशा

मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय की नींव रखी, जो कि प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा प्रदान करेगा। पहले चरण में यह मॉडल स्कूल जिलों में, फिर क्रमशः तहसील, ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर तक स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य है कि समाज के वंचित वर्गों के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य, पेयजल, सड़कों, नगर विकास और पर्यटन से जुड़ी 724 करोड़ रुपये की योजनाएं जिले में लागू की जा रही हैं, जिससे समग्र विकास को गति मिलेगी।

लाभार्थियों को सौंपे प्रमाण पत्र और सहायता सामग्री

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन जागृति को ‘वुमेन सेफ्टी 2025’ अवॉर्ड से सम्मानित करने की घोषणा की, जो महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए आगरा ज़ोन में चलाया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने कई लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं के तहत प्रमाण पत्र, आवास की चाबियाँ, टैबलेट, चेक, लैपटॉप और अन्य सहायता सामग्री सौंपी।