देहरादून। मसूरी रोड स्थित आरकेडिया हिलाक्स सोसाइटी में फ्लैट निर्माण के नाम पर निवेशकों और बैंकों से करोड़ों रुपये वसूलकर फरार हुए बिल्डर शाश्वत गर्ग और उसकी पत्नी की तलाश तेज हो गई है। पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन दोनों का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।
इस बीच पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वारंट जारी होते ही दोनों को भगोड़ा घोषित कर इनाम घोषित किया जाएगा।
विदेश में ट्रांजेक्शन के सबूत मिले
गढ़वाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राजीव स्वरूप की ओर से गठित विशेष जांच दल (SIT) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। SIT को शाश्वत गर्ग के विदेशी संपर्कों और विदेश में किए गए कई ट्रांजेक्शनों के प्रमाण मिले हैं।
टीम अब उसके सभी बैंक लेनदेन, पैसे के स्रोत और किस-किस व्यक्ति के साथ आर्थिक लेनदेन हुआ, इसका विस्तृत ब्योरा जुटा रही है।
देहरादून और गाजियाबाद में संपत्तियों की जांच
SIT शाश्वत गर्ग और उसके परिवार की संपत्तियों की भी जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि देहरादून में रहते हुए उसने किन जगहों पर निवेश किया और गाजियाबाद में उसकी कितनी संपत्तियां हैं। सभी संपत्तियों का ब्योरा तैयार किया जा रहा है ताकि आगे चलकर उन्हें सील किया जा सके।
शाश्वत गर्ग और उसकी पत्नी के पासपोर्ट पहले ही निरस्त किए जा चुके हैं, साथ ही लुक आउट नोटिस भी जारी है। जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों नेपाल भाग चुके हैं, ऐसे में जल्द ही SIT की एक टीम नेपाल भेजी जा सकती है।
स्टाफ को भी लगाया लाखों का चूना
न केवल निवेशकों बल्कि कंपनी के कर्मचारियों ने भी बिल्डर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों ने राजपुर थाने में शिकायत दी है कि शाश्वत गर्ग ने उनका वेतन और अन्य भुगतान नहीं किए।
शिकायतकर्ताओं सागर राज, विनीत तोमर, आर्यन थापा और अफजल खान के अनुसार, बिल्डर उन पर करीब 17 लाख रुपये बकाया छोड़कर फरार हो गया।
SIT ने कार्रवाई तेज की
SIT लगातार दस्तावेज जुटा रही है और बिल्डर के सभी आर्थिक लेनदेन की जाँच कर रही है। उसके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है और उसे भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पुलिस महानिरीक्षक राजीव स्वरूप के अनुसार:
“विदेश में किए गए ट्रांजेक्शन और कई नए तथ्य सामने आए हैं। जांच तेजी से चल रही है। जल्द ही इनाम घोषित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”