मंकी पॉक्स: पीएम मोदी के प्रधान सचिव ने की उच्च स्तरीय बैठक

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने देश में ‘मंकी पॉक्स’ (एमपॉक्स) के मद्देनजर निगरानी बढ़ाने और मामलों का तेजी से पता लगाने के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एमपॉक्स की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

पीएम मोदी की सलाह पर मिश्रा ने देश में ‘मंकी पॉक्स’ (एमपॉक्स) के मद्देनजर तैयारियों की स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी उपायों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसके व्यापक प्रसार को देखते हुए 14 अगस्त को एमपॉक्स को फिर से सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया। बैठक में बताया गया कि अभी तक देश में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। वर्तमान आकलन के अनुसार, निरंतर संक्रमण के साथ बड़े प्रकोप का जोखिम कम है।

मिश्रा को बताया गया एमपॉक्स संक्रमण आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक प्रभावी रहता है और एमपॉक्स के रोगी आमतौर पर सहायक चिकित्सा देखभाल एवं प्रबंधन के साथ ठीक हो जाते हैं। एमपॉक्स से संक्रमित मरीज के साथ लंबे समय तक और निकट संपर्क के माध्यम से इसका संक्रमण होता है। यह मुख्य रूप से यौन मार्ग, मरीज के शरीर/घाव द्रव के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों/लिनन के माध्यम से होता है। डब्ल्यूएचओ के 2022 में अंतरराष्ट्रीय चिंता से जुड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने के बाद से भारत में 30 मामले सामने आए हैं। एमपॉक्स का आखिरी मामला मार्च 2024 में पता चला था।

प्रधान सचिव ने निगरानी बढ़ाने का दिया निर्देश
प्रधान सचिव मिश्रा ने निर्देश दिया कि निगरानी बढ़ाई जाए और मामलों का शीघ्र पता लगाने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रारंभिक उपचार के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को तैयार किया जाना चाहिए। वर्तमान में 32 प्रयोगशालाएं परीक्षण के लिए सुसज्जित हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए प्रोटोकॉल बड़े पैमाने पर प्रसारित किए जा सकते हैं। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच बीमारी के संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूकता अभियान एवं निगरानी प्रणाली को समय पर सूचित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

बचाव के सभी उपयुक्त कदम उठाए जा रहे: चंद्रा
बैठक में स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बताया कि देश में इसके खतरे का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने 12 अगस्त को विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई थी और बचाव के लिए सभी उपयुक्त कदम उठाए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य दलों की ओर से निगरानी की जा रही है और राज्यों को भी इस संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह भी बताया कि रविवार सुबह महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा (डीजीएचएस) ने 200 से अधिक प्रतिभागियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। इस संबंध में राज्यों में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) इकाइयों और प्रवेश के बंदरगाहों आदि सहित राज्य स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारियों को संवेदनशील बनाया गया।

बैठक में ये हुए शामिल
नीति के सदस्य डॉ. वीके पॉल, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) अपूर्व चंद्रा, सचिव (स्वास्थ्य अनुसंधान) डॉ. राजीव बहल, सदस्य सचिव (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) कृष्ण एस वत्स, सचिव (सूचना एवं प्रसारण) संजय जाजू और मनोनीत गृह सचिव गोविंद मोहन तथा अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।

कांगो में बढ़ रहे मामले
डब्ल्यूएचओ के एक बयान के अनुसार, 2022 से वैश्विक स्तर पर 116 देशों से एमपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई थीं। संगठन ने बताया कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एमपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले साल, रिपोर्ट किए गए मामलों में काफी वृद्धि हुई और इस साल अब तक दर्ज किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है, जिसमें 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें शामिल हैं।

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