नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। उनसे यह पूछताछ दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े कथित धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में की जा रही है। ईडी कार्यालय में जैन सुबह लगभग 11:15 बजे पहुंचे, जहां उनसे दिनभर पूछताछ चली।
सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट में 1900 करोड़ से अधिक की अनियमितता
यह मामला दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) परियोजना से जुड़ा है, जिसमें तकरीबन 1,943 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने इस संबंध में Eurotek Environmental Pvt. Ltd. और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप है कि एसटीपी के आधुनिकीकरण के लिए 10 स्थानों पर टेंडर जारी किए गए थे, जिसमें कुछ चुनिंदा कंपनियों ने मिलीभगत से भाग लिया और काम को आपस में बांट लिया।
टेंडर प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी के आरोप
बताया जा रहा है कि अक्टूबर 2022 में जिन चार टेंडरों को स्वीकृति दी गई, उनमें केवल तीन संयुक्त उपक्रमों ने हिस्सा लिया। शर्तों को इस तरह से तैयार किया गया था कि सीमित कंपनियों को ही लाभ मिल सके। प्रारंभिक बजट 1,546 करोड़ रुपये तय किया गया था, लेकिन बाद में इसे संशोधित कर 1,943 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया।
ईडी की जांच में फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र का खुलासा
जांच में सामने आया है कि सभी कंपनियों ने एक ही ताइवान परियोजना का अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया, जिसे बिना किसी सत्यापन के स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद पूरा ठेका हैदराबाद की Eurotek Environment Pvt. Ltd. को उप-ठेके के रूप में सौंप दिया गया।
छापेमारी में मिले अहम सबूत
पिछले वर्ष जुलाई में की गई ईडी की छापेमारी के दौरान 41 लाख रुपये नकद, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डाटा बरामद किए गए थे, जिनके आधार पर आगे की जांच जारी है।
पहले भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में रह चुके हैं जैन
गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन इससे पहले भी एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल की सजा काट चुके हैं। 30 मई 2022 को उन्हें आय से अधिक संपत्ति के एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने उनके खिलाफ 2017 में प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें 2015 से 2017 के बीच आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। हालांकि बाद में चिकित्सकीय आधार पर उन्हें जमानत मिल गई थी।
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