58 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड की घोषणा करने के बाद सरकार बीपीसीएल के विनिवेश की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. सरकार मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में बदलाव करने पर विचार कर रही है, ताकि विदेशी निवेशकों को भारत की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) में बहुलांश हिस्सेदारी लेने की अनुमति मिल सके. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सरकार BPCL का निजीकरण कर रही है और वह कंपनी में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है.
वेदांत समूह ने BPCL में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए अभिरुचि पत्र (Expression of Interest ) दाखिल किया था. बताया जा रहा है कि अन्य दो बोलीदाता वैश्विक फंड हैं, जिनमें एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है. सूत्रों ने बताया कि इस बारे में एक प्रस्ताव पर विनिवेश विभाग (DIPAM), उद्योग विभाग (अझघघऊ) और आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के बीच चर्चा जारी है.
अभी के नियम के मुताबिक 49 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की ही अनुमति
इस समय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) द्वारा संचालित पेट्रोलियम रिफाइनिंग में स्वचालित मार्ग के माध्यम से केवल 49 प्रतिशत FDI की अनुमति है और ऐसा बिना किसी विनिवेश या मौजूदा पीएसयू की घरेलू इक्विटी को घटाए बिना ही किया जा सकता है. इस प्रावधान से कोई विदेशी खिलाड़ी BPCL में 49 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद पाएगा.
DIPAM ने 100 फीसदी एफडीआई की दी है मंजूरी
सूत्रों के मुताबिक डीआईपीएएम ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के लिए मौजूदा FDI नीति में संशोधन करने का सुझाव दिया है. दूसरी ओर उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस खास मामले के लिए अलग से एक प्रावधान करने का सुझाव दिया है.
हिस्सेदारी बेचने की आ रही थी खबर
निजीकरण की प्रक्रिया से गुजर रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने गुरुवार को स्पष्ट करते हुए कहा कि उसका पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) में अपनी हिस्सेदारी बेचने का कोई इरादा नहीं है. इससे पहले कहा जा रहा था कि इन दोनों गैस कंपनियों में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने से बीपीसीएल के नए मालिक को खुली पेशकश लाने की जरूरत नहीं रहेगी.
पेट्रोनेट में 12.50 फीसदी हिस्सेदारी
बीपीसीएल के पास भारत की सबसे बड़ी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयातक पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और गैस विपणन कंपनी आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है. बीपीसीएल दोनों सूचीबद्ध कंपनियों की प्रवर्तक है और उनके निदेशक मंडल में स्थान रखती है. निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) द्वारा मूल्यांकन की गई कानूनी स्थिति के अनुसार बीपीसीएल के अधिग्रहणकर्ता को पेट्रोनेट और आईजीएल के अल्पांश शेयरधारकों के समक्ष 26 फीसदी शेयरों के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश करनी होगी.
पेट्रोनेल और आईजीएल में हिस्सेदारी बेचने का इरादा नहीं
दीपम बीपीसीएल में सरकार की पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया को संचालित कर रहा है. बीपीसीएल के वित्त विभाग के निदेशक एन विजय गोपाल ने निवेशकों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘पेट्रोनेल और आईजीएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने का कोई इरादा नहीं है. इससे कंपनी के मूल्य में काफी कमी आएगी.’’ उन्होंने कहा सेबी के नियमों के अनुसार बीपीसीएल के नए प्रवर्तक को आईजीएल और पेट्रोनेट के लिए खुला प्रस्ताव देने की जरुरत होगी.