वैश्विक स्तर पर मजबूत मांग के बीच सोना एक बार फिर महंगा हो गया है। घरेलू वायदा बाजार में इसकी कीमत बढ़कर 1,30,638 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच चुकी है। दूसरी ओर, चांदी की कीमतों में हल्की नरमी दर्ज की गई और यह 1,82,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की साल की अंतिम नीतिगत समीक्षा से पहले निवेशकों की सतर्क खरीदारी से सोने को सपोर्ट मिला है।

एमसीएक्स पर सोने-चांदी का रुख

एमसीएक्स पर फरवरी 2026 डिलीवरी वाला सोना वायदा 176 रुपये (0.13%) बढ़कर 1,30,638 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इस अनुबंध में 13,134 लॉट का कारोबार हुआ।

पिछले सप्ताह करीब एक फीसदी की तेजी दिखाने के बाद, चांदी वायदा में इस बार गिरावट देखने को मिली। मार्च डिलीवरी वाली चांदी 808 रुपये (0.44%) टूटकर 1,82,600 रुपये प्रति किलोग्राम रही। इसमें कुल 14,281 लॉट का सौदा हुआ।

शुक्रवार को चांदी ने 1,85,234 रुपये प्रति किलोग्राम का नया रिकॉर्ड बनाया था, हालांकि अंत में कीमत 1,83,408 रुपये पर आकर रुकी। पिछले हफ्ते चांदी में कुल 8,427 रुपये (4.81%) की छलांग लगी थी।

विशेषज्ञों ने बताई मजबूती की वजह

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक मानव मोदी ने बताया कि चांदी में भले ही शुरुआती मुनाफावसूली हुई हो, लेकिन लंदन और चीन में कम स्टॉक और आने वाले वर्षों में संभावित सप्लाई घाटे को देखते हुए इसमें मजबूती बनी रहने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक मांग, सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में बढ़ती दिलचस्पी और जुलाई के बाद से सबसे ऊंचे ईटीएफ इनफ्लो ने भी चांदी को सहारा दिया है।

इसके साथ ही, बाजार इस हफ्ते फेड की अंतिम पॉलिसी मीटिंग और अमेरिका के फैक्ट्री ऑर्डर जैसे अहम आंकड़ों पर नजर रखेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के रुख में किसी भी बदलाव से बुलियन की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार की चाल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की चाल स्थिर बनी रही। कॉमेक्स पर फरवरी डिलीवरी वाला सोना 4,244.2 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार करता दिखा। पिछले सप्ताह इस पीली धातु में 0.28% की गिरावट हुई थी।

चांदी के अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार में मार्च 2026 अनुबंध 0.54% टूटकर 58.73 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। शुक्रवार को चांदी ने 59.90 डॉलर प्रति औंस का सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ था। सप्ताह के आधार पर यह 3.30% चढ़ी।

फेड के फैसले पर टिकी नजरें

विशेषज्ञ मानते हैं कि बाजार की दिशा अब फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसले से तय होगी। कुछ विश्लेषक इस बैठक में 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना जता रहे हैं, जबकि अगले वर्ष दो और कटौतियों के अनुमानों ने भी व्यापारियों की रणनीति को प्रभावित किया है।