लैक्मे को भारत के प्रमुख सौंदर्य ब्रांडों में स्थापित करने वाली जानी-मानी उद्योगपति सिमोन टाटा का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष नोएल टाटा की माता और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की सौतेली मां थीं। उनके निधन की जानकारी मुंबई स्थित स्विट्जरलैंड के महावाणिज्य दूतावास ने अपने एक्स अकाउंट पर साझा की और भारतीय कॉस्मेटिक उद्योग में उनके योगदान को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

महावाणिज्य दूतावास ने अपने संदेश में लिखा कि सिमोन टाटा एक अत्यंत प्रतिभाशाली और गरिमापूर्ण व्यक्तित्व थीं, जिनकी उपलब्धियों ने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सिमोन की विरासत आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देती रहेगी।

स्विट्जरलैंड में जन्मी सिमोन डुनोयर का जन्म 1930 में जिनेवा में हुआ था। वे 1953 में भारत घूमने आईं और इसी दौरान उनकी मुलाकात नवल एच. टाटा से हुई, जिसके बाद उन्होंने भारत को अपना स्थायी घर बना लिया। 1962 में वे लैक्मे के बोर्ड में शामिल हुईं, जो उस समय टाटा ऑयल मिल्स की एक छोटी इकाई थी। उनके नेतृत्व में लैक्मे ने न केवल घरेलू बाजार में मजबूती पाई, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई। बाद में 1989 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड में शामिल किया गया।

लैक्मे इंडिया ने भी सिमोन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय महिलाओं को आत्मविश्वास और गरिमा के साथ अपनी पहचान बनाने का साहस दिया। कंपनी ने लिखा कि सिमोन की दूरदर्शिता और समर्पण हमेशा याद रखे जाएंगे और उनकी विरासत लैक्मे के साथ सदैव जीवित रहेगी।