कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह एयर इंडिया को टाटा समूह से पुनः अपने नियंत्रण में ले। उन्होंने आरोप लगाया कि एयरलाइन का निजीकरण विफल रहा है और मौजूदा संचालन से एयर इंडिया की साख को नुकसान पहुंचा है।

चंडीगढ़ से सांसद तिवारी ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "भारत सरकार को चाहिए कि वह एयर इंडिया को टाटा समूह से वापस ले, क्योंकि कंपनी ने इस प्रतिष्ठित एयरलाइन को जमींदोज कर दिया है।" उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब वही लोग एयर इंडिया चला रहे हैं जो पहले चाय, स्टील और वाहन उद्योग से जुड़े थे, जबकि अनुभवी विमानन पेशेवरों की मौजूदगी नजर नहीं आती।

सेवाओं की गुणवत्ता पर उठाए सवाल

तिवारी ने एयरलाइन की सेवा गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि उड़ानें बिना पूर्व सूचना के रद्द हो रही हैं, समय पर संचालन नहीं हो रहा और यात्रियों को कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बताया जा रहा। उन्होंने विमानन स्टाफ के हवाले से दावा किया कि अब एयर इंडिया का प्रबंधन उन लोगों के हाथ में है जिनका मूल अनुभव विमानन क्षेत्र से नहीं रहा है।

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उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चार दशकों में उन्होंने कई दक्ष और योग्य विमानन विशेषज्ञों के साथ काम किया है, लेकिन मौजूदा समय में एयर इंडिया का संचालन एक अव्यवस्थित ढांचे में तब्दील हो गया है।

निजीकरण को बताया नाकाम प्रयोग

तिवारी ने एयर इंडिया के निजीकरण को ‘विफल प्रयास’ बताते हुए कहा कि यह फैसला अब तक के सबसे खराब नीतिगत फैसलों में एक बन चुका है। उनके मुताबिक, इससे एयरलाइन की सेवाओं और प्रबंधन पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

जनवरी 2022 में हुआ था एयर इंडिया का टाटा को हस्तांतरण

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2022 में एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह को सौंपा था। यह अधिग्रहण करीब 18,000 करोड़ रुपये में संपन्न हुआ था। फिलहाल, कांग्रेस नेता की आलोचनाओं पर न तो टाटा समूह और न ही एयर इंडिया की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई है।