अमेरिका द्वारा भारत सहित कई देशों पर आयात शुल्क लगाने के फैसले के बीच घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का रुख जारी है। शुक्रवार को बाजार की शुरुआत लाल निशान में हुई। सेंसेक्स 111.17 अंक फिसलकर 81,074.41 पर खुला, जबकि निफ्टी 33.45 अंक गिरकर 24,734.90 पर पहुंच गया। रुपये में मामूली मजबूती रही और डॉलर के मुकाबले यह 12 पैसे बढ़कर 87.53 पर खुला।
टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते बाजार में नकारात्मक माहौल रहा। अमेरिका की ओर से टैरिफ लागू करने की तारीख एक सप्ताह आगे बढ़ाने के बावजूद निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा।

भारत पर 25% टैरिफ लगाने का आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित लगभग 70 देशों पर आयात शुल्क बढ़ाने का कार्यकारी आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत भारत से आने वाले निर्यात पर 25 प्रतिशत ‘पारस्परिक समायोजित टैरिफ’ लागू किया जाएगा। हालांकि आदेश में भारत पर लगाए गए किसी विशेष 'जुर्माने' का जिक्र नहीं है, जिसे पहले ट्रंप ने रूस से रक्षा और ऊर्जा उपकरण खरीदने को लेकर संकेत दिया था।

सन फार्मा के शेयरों में गिरावट, कई दिग्गज कंपनियां प्रभावित
टैरिफ फैसले के असर के चलते सन फार्मा के शेयरों में 5 फीसदी से अधिक गिरावट आई। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में करीब 2,279 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो सालाना आधार पर करीब 20 फीसदी कम रहा। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, इंफोसिस और एलएंडटी जैसे बड़े स्टॉक्स में भी गिरावट देखी गई। वहीं हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, एशियन पेंट्स और मारुति के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।

एफआईआई की बिकवाली से दबाव और बढ़ा
एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को लगभग 5,589 करोड़ रुपये के शेयर बाजार से निकाले। जुलाई में निफ्टी पहले ही 3.1 प्रतिशत तक गिर चुका है, जिससे अगस्त सीरीज की शुरुआत कमजोर रही है।
7 अगस्त से प्रभावी होंगे नए टैरिफ, बातचीत की संभावनाएं बरकरार
टैरिफ दरें 7 अगस्त से लागू होने वाली हैं, ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि तब तक विभिन्न देशों के बीच बातचीत के जरिए राहत के रास्ते निकल सकते हैं। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार, बाजार ने टैरिफ को अल्पकालिक प्रभाव मानते हुए सकारात्मक रुख अपनाया है। उनका मानना है कि आगामी बातचीत के बाद टैरिफ में नरमी आ सकती है।
वैश्विक संकेत भी नकारात्मक
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी गिरावट का रुख देखा गया। जापान का निक्केई 225, दक्षिण कोरिया का कोस्पी, शंघाई का एसएसई और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में कारोबार कर रहे थे। गुरुवार को अमेरिकी बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट आई और ब्रेंट क्रूड लगभग 0.97 प्रतिशत घटकर 72.53 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख प्रशांत तापसे के अनुसार, बाजार पर दबाव की प्रमुख वजहों में टैरिफ बढ़ोतरी, फेडरल रिजर्व के रुख में सख्ती, कमजोर तिमाही नतीजे, एफआईआई की बिकवाली और तकनीकी कारकों का बिगड़ता स्वरूप शामिल हैं।
गुरुवार को सेंसेक्स 296.28 अंक की गिरावट के साथ 81,185.58 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 86.70 अंक फिसलकर 24,768.35 पर आ गया था।