दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा से लगे भैरमगढ़ क्षेत्र के केशकुतुल जंगलों में बुधवार सुबह से पुलिस और नक्सलियों के बीच जोरदार मुठभेड़ जारी रही। सुरक्षा बलों ने इस मुठभेड़ में 12 माओवादी को ढेर कर दिया। हालांकि, इस कार्रवाई में डीआरजी के तीन जवान शहीद हो गए और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार, आज सुबह दंतेवाड़ा से निकली टीम भैरमगढ़ के केशकुतुल इलाके में पहुंची, जहां दोनों ओर से रुक-रुककर गोलीबारी हुई। बस्तर आईजी सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है, जिसमें एएलआर राइफल और .303 राइफल शामिल हैं। शहीद जवानों की पहचान प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी के रूप में हुई है।
बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ लगातार की जा रही कार्रवाई के तहत बीते दिनों देवा, पापाराव, केसा और चैतू जैसे नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया था। हालांकि, 15 दिनों तक किसी प्रतिक्रिया न मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन को फिर से तेज कर दिया।
हाल ही में डीकेएसजेडसी के सदस्य चैतू उर्फ श्याम दादा और उनके 9 साथियों ने जगदलपुर में आत्मसमर्पण कर सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। चैतू ने बताया कि वे कॉलेज के समय से नक्सलियों के संपर्क में थे और 1985 में भूमिगत हो गए थे। बस्तर आईजी ने कहा कि नक्सलियों की विचारधारा धीरे-धीरे कमजोर पड़ रही है, और लगातार आत्मसमर्पण की घटनाएं इसके संकेत हैं।
इस ऑपरेशन से नक्सलियों की दरभा डिवीजन में सक्रियता पर बड़ा प्रभाव पड़ा है, जबकि सुरक्षा बल जंगलों में खोज अभियान और निगरानी जारी रखे हुए हैं।