भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है। बुधवार को बंगलूरू एयरपोर्ट से 61 उड़ानें रद्द हो गईं, जिनमें 35 आगमन और 26 प्रस्थान वाली उड़ानें शामिल थीं। यह स्थिति तब सामने आई जब एयरलाइन के CEO पीटर एल्बर्स ने नौ दिसंबर को दावा किया था कि परिचालन अब सामान्य हो गया है।

DGCA की सख्त कार्रवाई

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो के CEO को गुरुवार दोपहर 3 बजे सभी परिचालन संबंधित डेटा और अपडेट पेश करने का निर्देश दिया है। बैठक में CEO के साथ एयरलाइन के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित होंगे। DGCA ने निर्देश दिया है कि बैठक में उड़ानों की बहाली, पायलट और चालक दल की भर्ती योजना, रद्द उड़ानों की संख्या, जारी किए गए रिफंड और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की जाए।

संकट का कारण

रोजाना लगभग 2,300 उड़ानें संचालित करने वाली इंडिगो के पास घरेलू एविएशन मार्केट में 60% से अधिक हिस्सेदारी है। नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के लागू होने के बाद एयरलाइन समय पर योजना नहीं बना सकी, जिससे परिचालन में अव्यवस्था फैल गई और यात्रियों को बड़ी परेशानी हुई। टिकटों के दाम बढ़ने और एयरपोर्ट पर भीड़ जैसी समस्याएं उत्पन्न हुईं। कई उड़ानों को बिना सूचना या अत्यधिक विलंब से संचालित किया गया।

सरकारी कदम

सरकार ने भी लगातार गड़बड़ी के बीच सख्ती दिखाई है। DGCA ने CEO और COO को शो-कॉज नोटिस भेजा। इसके अलावा, टिकटों की कीमतों पर कैप लगाया गया और मंगलवार को विंटर फ्लाइट शेड्यूल में 10% कटौती का आदेश दिया गया, जिससे रोजाना लगभग 220 उड़ानें कम होंगी। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि यह कदम इंडिगो के संचालन को स्थिर करने और रद्द उड़ानों की संख्या कम करने के लिए आवश्यक था।