बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई।
विपक्ष पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने अमित शाह को वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों के मुद्दे पर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बहस करने की चुनौती दी। इसके जवाब में अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि संसद में किसी के बोलने के क्रम को तय नहीं किया जा सकता और उन्हें संसदीय अनुभव के आधार पर अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है।
राहुल गांधी ने कहा, "मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप मेरी तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस पर वोट चोरी के आरोपों पर बात करें।" इस पर अमित शाह ने कहा, "मैं पिछले 30 साल से विधानसभा और लोकसभा से चुना जा रहा हूं। मुझे संसदीय प्रणाली का लंबा अनुभव है। विपक्ष के नेता यह नहीं तय कर सकते कि संसद किस तरह चलेगी।"
अमित शाह ने विपक्ष पर साधा निशाना
अपने भाषण में अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मौजूदा वोटर लिस्ट में सुधार का उद्देश्य केवल योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करना है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि जब विपक्ष जीतता है तो वोटर लिस्ट बिल्कुल सही होती है, लेकिन हारने पर वही लोग इसे लेकर समस्या खड़ी करते हैं।
वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ी और चुनावी आरोपों को लेकर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा, "विपक्ष वोट चोरी की बात कर रहा है, जबकि कुछ परिवार पीढ़ी-दर-पीढ़ी वोट चोरी के आरोपों के घेरे में रहे हैं।"
इस बहस में दोनों नेताओं ने अपने-अपने पक्ष की कड़ी तर्क और उदाहरण पेश किए, जिससे लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा और अधिक गरम हो गई।