दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों का पालन करते हुए खुले में कचरा, पत्ते, प्लास्टिक, रबर या अन्य अपशिष्ट जलाने पर जुर्माना लगाने का अधिकार क्षेत्रीय अधिकारियों को सौंप दिया है। पर्यावरण विभाग ने जारी आदेश में यह स्पष्ट किया है कि उल्लंघन करने वाले पर तुरंत 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह कदम राजधानी में स्थानीय वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोतों पर नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया गया है।

यह कार्रवाई वर्धमान कौशिक बनाम भारत संघ मामले में एनजीटी के आदेशों के बाद की गई है। अप्रैल 2015 में एनजीटी ने सभी प्रकार के कचरे को खुले में जलाने पर रोक लगाई थी और उल्लंघनकर्ता को राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 की धारा 15 के तहत मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी ठहराया।

नए आदेश में उप तहसीलदारों और उच्चतर अधिकारियों के साथ-साथ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के स्वच्छता निरीक्षक और वरिष्ठ अधिकारियों को भी जुर्माना लगाने का अधिकार दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि एनजीटी के निर्देश सिविल कोर्ट के आदेश के समान माने जाएंगे और इन्हें कड़ाई से लागू किया जाएगा। एकत्रित राशि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के खाते में जमा कराई जाएगी, और सभी अधिकृत अधिकारियों को मासिक कार्रवाई रिपोर्ट डीपीसीसी को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।