गोरखपुर। नौकरी और सरकारी ठेके दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने वाले फर्जी IAS अधिकारी गौरव कुमार को मंगलवार रात गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार, क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे लखनऊ से दबोचा। इस गिरफ्तारी के पीछे की कहानी सात नवंबर की उस घटना से जुड़ी है, जब जीआरपी ने मोकामा के व्यापारी को रेलवे स्टेशन पर 99.09 लाख रुपये के साथ पकड़ा था।
जांच में सामने आया कि बिहार निवासी गौरव खुद को 2022 बैच का IAS अधिकारी बताता था। उसने सोशल मीडिया पर अपने आपको वास्तविक अधिकारी दिखाने के लिए विशेष प्रोफाइल तैयार की थी, जिससे लोगों का भरोसा जीतना आसान हो गया। सरकारी योजनाओं, विभागों और नियुक्तियों की अंदरूनी जानकारी देने का दावा कर वह लोगों से पैसे ऐंठता था।
सात नवंबर को प्लेटफार्म नंबर एक पर चेकिंग के दौरान जीआरपी थाना प्रभारी अनुज सिंह ने व्यापारी मुकुंद माधव को नगद राशि के साथ पकड़ा। व्यापारी ने बताया कि गौरव ने सरकारी ठेके दिलाने का भरोसा देकर पैसे लिए, लेकिन बाद में राशि लौटाने का प्रलोभन देकर उसे वापस कर दिया।
इसी बीच, 11 नवंबर को एक युवती ने भी शिकायत दर्ज कराई कि गौरव ने शादी का वादा कर उससे ठगी की। युवती ने बताया कि बातचीत सोशल मीडिया से शुरू हुई थी, और गौरव ने खुद को IAS बताकर सरकारी परियोजनाओं और अधिकारियों के संपर्कों के बारे में बात की। धीरे-धीरे उसने आर्थिक मदद लेना शुरू कर दिया और फिर संपर्क तोड़ दिया।
पुलिस जांच में यह भी पता चला कि गौरव अकेला नहीं था। उसके साथ तीन अन्य लोग जुड़े थे, जो ऑनलाइन प्रोफाइल और सरकारी छवि तैयार करने के साथ फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद करते थे। गौरव पिछले छह महीनों से गोरखपुर में डेरा जमाए था और बीआरडी मेडिकल कालेज के पास मकान किराए पर रखा था।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि फर्जी IAS गौरव से पूछताछ जारी है। पुलिस जल्द ही पूरी ठगी की परतें उजागर करने और अन्य अपराधियों तक पहुंचने का दावा कर रही है।