ढाका। बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने सोमवार को देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं के मास्टरमाइंड के रूप में माना और उन्हें हत्या के लिए उकसाने व हत्या का आदेश देने का दोषी पाया। वहीं, असदुज्जमां खान को 12 लोगों की हत्या का दोषी करार दिया गया।
इस फैसले के बाद बांग्लादेश सरकार ने भारत से दोनों व्यक्तियों को प्रत्यर्पित करने की मांग की है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत दोनों को बांग्लादेश के अधिकारियों के हवाले करे, जैसा कि दोनों देशों के बीच मौजूद आत्मसमर्पण समझौते के तहत किया जाता है।
साथ ही, कोर्ट ने शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री कमाल की बांग्लादेश में मौजूद सभी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश भी दिया।
फैसले के बाद शेख हसीना ने इसे पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित करार दिया। उन्होंने कहा कि यह ट्रिब्यूनल गैर-निर्वाचित सरकार के नियंत्रण में है और जनता का कोई जनादेश नहीं रखता। हसीना ने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार के दौरान पुलिस और न्याय व्यवस्था कमजोर हो गई है, अवामी लीग समर्थकों और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, महिलाओं के अधिकार दबाए जा रहे हैं और कट्टरपंथियों का असर बढ़ रहा है। उन्होंने बांग्लादेश में अगले चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष कराने की अपील भी की।