दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की द्विपक्षीय बैठक सुर्खियों में रही। मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के प्रति गर्मजोशी भरा आभार व्यक्त करते हुए भारत–फ्रांस साझेदारी को और सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
राष्ट्रपति मैक्रों ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि वे प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभारी हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र तभी प्रगति करते हैं जब वे साझेदारी और सहयोग की भावना से आगे बढ़ते हैं। मैक्रों ने भारत–फ्रांस मैत्री को चिरस्थायी बताते हुए इसे वैश्विक स्थिरता का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बैठक को सार्थक और उपयोगी संवाद करार दिया। उन्होंने कहा कि कई वैश्विक एवं द्विपक्षीय मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा हुई और भारत–फ्रांस संबंध विश्व के लिए सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत हैं।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि विश्वभर में आपदाओं की आवृत्ति और उनका दायरा लगातार बढ़ रहा है, जो पूरी मानवता के लिए गहरी चुनौती बन चुका है। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत ने अपनी 2023 G20 अध्यक्षता के दौरान डिज़ास्टर रिस्क रिडक्शन वर्किंग ग्रुप की स्थापना की थी, ताकि आपदा प्रबंधन में वैश्विक तालमेल और सहयोग को मजबूत किया जा सके। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका द्वारा इस मुद्दे को प्राथमिक फोकस में रखने की सराहना भी की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केवल आपदा के बाद प्रतिक्रिया देने की रणनीति अब पर्याप्त नहीं है। इसके बजाय विकास-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाकर ऐसी व्यवस्थाएं तैयार करनी होंगी, जो आपदा आने से पहले ही देशों को मजबूत और तैयार बनाएं। उन्होंने G20 देशों की स्पेस एजेंसियों के सैटेलाइट डेटा को साझा करने की जरूरत पर बल दिया और ‘G20 ओपन सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप’ शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उनका कहना था कि इससे विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देशों को आपदाओं से निपटने में बड़ी मदद मिलेगी।