वाशिंगटन। अमेरिका भले ही कड़े आप्रवासन कानूनों को लेकर राजनीतिक बहसों के बीच घिरा रहता हो, लेकिन हकीकत यह है कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पुरस्कारों में उसकी सफलता में आप्रवासियों की बड़ी भूमिका रही है। वर्षों से प्रवासी मूल के वैज्ञानिकों ने अमेरिका को अनेक नोबेल पुरस्कार दिलाए हैं, जो देश की वैज्ञानिक क्षमता और विविधता की ताकत को उजागर करते हैं।
प्रतिभा सीमाओं से परे
अमेरिकी राजनीति में सुरक्षा और सीमा नियंत्रण को लेकर उठने वाले स्वर अक्सर आप्रवासन पर सख्ती की मांग करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक प्रतिभा ही अमेरिका की वैज्ञानिक और आर्थिक मजबूती का आधार बनी है। विविध पृष्ठभूमियों से आए लोग शोध, नवाचार और उद्योगों में नई ऊर्जा का संचार करते हैं।
प्रोफेसर उमर याघी को मिला रसायन विज्ञान का नोबेल
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कार्यरत 60 वर्षीय रसायन विज्ञान विशेषज्ञ प्रोफेसर उमर याघी को इस वर्ष स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। जॉर्डन के अम्मान में साधारण परिवेश में पले-बढ़े याघी आज अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय में एक सम्मानित नाम हैं।
अमेरिका की सफलता में प्रवासियों की बड़ी हिस्सेदारी
इस वर्ष विज्ञान क्षेत्र में अमेरिका को मिले छह नोबेल पुरस्कारों में से तीन विजेताओं का जन्म देश के बाहर हुआ है। 21वीं सदी में भौतिकी, रसायन विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्रों में अमेरिका को मिले नोबेल पुरस्कारों में लगभग 40% प्रवासी मूल के वैज्ञानिक रहे हैं।
अर्थशास्त्री मानते हैं कि इस वैश्विक प्रतिभा ने अमेरिका को सिलिकॉन वैली जैसी नवाचार केंद्रों में कई खरब डॉलर की कंपनियों के निर्माण में मदद की है और विश्व की सबसे सशक्त अर्थव्यवस्था की नींव रखी है।
विशेषज्ञ बोले—ट्रंप प्रशासन की नीतियां जोखिमपूर्ण
विश्लेषकों का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति और सख्त आप्रवासन रुख ने वैज्ञानिक प्रगति की इस परंपरा को खतरे में डाल दिया। विदेशी छात्रों, शोधकर्ताओं और कुशल आप्रवासियों के लिए रास्ते संकुचित होने से भविष्य में नवाचार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
स्टॉकहोम रवाना होने से पहले प्रोफेसर याघी ने भी इसी चिंता को साझा किया। उनका कहना था कि कड़े आप्रवासन नियम वैज्ञानिक उत्कृष्टता के लिए आवश्यक खुले और विविध वातावरण को प्रभावित कर सकते हैं।
“विविधता से मजबूत होता है देश”—याघी
याघी ने कहा कि अमेरिका की वैज्ञानिक उपलब्धियों की नींव इसी विविधता पर टिकी है। “अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आने वाले लोग समाज को आगे बढ़ाते हैं। यह एक अद्भुत कहानी है कि कैसे महान विचारक न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया का भविष्य बेहतर बना सकते हैं।”