पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध जैसे हालात की ओर बढ़ता दिख रहा है। ईरान ने इजराइल पर मिसाइलों की नई बौछार शुरू कर दी है। ईरानी सेना के अनुसार, "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III" अब अपने अगले चरण में पहुंच गया है। ताज़ा हमलों में इजराइल के हाइफा शहर में तीन महिलाओं की मौत हो गई है। यह जानकारी इजराइली मीडिया चैनल 14 ने दी।
तेहरान पर इजराइली कार्रवाई, तेल डिपो को बनाया निशाना
ईरान के हमले के बाद इजराइल ने भी तीव्र प्रतिक्रिया दी। इजराइली रक्षा मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ईरान मिसाइल हमले जारी रखता है तो "तेहरान को जला दिया जाएगा"। इसके बाद इजराइल ने तेहरान स्थित ईरानी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय को निशाना बनाया। वहीं, ईरान की ओर से कहा गया कि इजराइली हमले में राजधानी में स्थित दो तेल भंडारण केंद्रों को भी नुकसान पहुंचा, हालांकि हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं।
दोनों देशों के बीच देर रात से छिड़ी ताज़ा झड़पें
शनिवार रात को इजराइल और ईरान ने एक-दूसरे पर नए हमले किए। इस स्थिति को गंभीर होता देख इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आपात सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इजराइल ने ईरान पर हमला कर विश्व के सबसे बड़े गैस क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया, जिससे पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर संघर्ष की आशंका और बढ़ गई है।
ईरानी जवाबी हमले में भारी नुकसान
पश्चिमी गैलिली क्षेत्र में एक मिसाइल हमले में तीन महिलाओं की मृत्यु हुई। घटनास्थल पर पहुंचे बचावकर्मियों ने बताया कि तीन मंजिला इमारत में भारी नुकसान हुआ। इससे पहले इजराइल ने ईरान के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर लड़ाकू विमानों और पहले से तैनात ड्रोनों की मदद से हमले किए थे, जिसमें कई शीर्ष जनरल और वैज्ञानिक मारे गए।
हमास पर इजराइल की कार्रवाई, क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, गाजा में ईरान समर्थित आतंकी संगठन हमास के खिलाफ इजराइल की सैन्य कार्रवाई भी तेज़ हो गई है। यह प्रयास 20 महीने से चल रहे संघर्ष का हिस्सा है। रिपोर्टों के अनुसार, इजराइल ने दावा किया है कि हालिया दो दिनों के भीतर उसने ईरान के नौ वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को निशाना बनाया है।
पूर्ण युद्ध की आशंका बनी हुई
हालांकि वैश्विक नेताओं द्वारा दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की जा रही है, फिर भी ईरान और इजराइल दोनों ही और अधिक सैन्य कार्रवाइयों के संकेत दे चुके हैं। क्षेत्र में स्थिति लगातार अस्थिर बनी हुई है, जिससे व्यापक युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है।