स्वैदा में ड्रूज़ समुदाय पर हमले के बीच इजराइल ने सीरियाई सेना पर बोला हमला

ईरान के साथ हालिया 12 दिवसीय संघर्ष के बाद अब इजराइल ने सीरिया के स्वैदा प्रांत में नया मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को दक्षिणी सीरिया स्थित इस क्षेत्र में इजराइली सेना ने सीधा सैन्य अभियान चलाया और सीरियाई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा के नाम पर की गई, जिसकी वहां बड़ी आबादी है।

दिनदहाड़े बमबारी, इलाके में डर का माहौल

गवाहों के मुताबिक, मंगलवार को स्वैदा में कई जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। आसमान में ड्रोन मंडराते रहे और एक क्षतिग्रस्त टैंक को खींचकर ले जाया गया। यह तीसरा दिन था जब क्षेत्र में लगातार गोलीबारी हो रही थी, जिससे आम नागरिकों के बीच डर और तनाव का माहौल बना हुआ है।

ड्रूज़ नेता का सीरियाई सरकार पर गंभीर आरोप

इस संघर्ष के पीछे एक बड़ा कारण स्थानीय धार्मिक नेता शेख हिकमत अल-हजरी का बयान भी माना जा रहा है। उन्होंने सीरियाई शासन पर अपने ही नागरिकों पर बमबारी करने और संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। शेख हिकमत ने ड्रूज़ युवाओं से सरकार के खिलाफ खड़े होने की अपील भी की।

इस स्थिति को देखते हुए सीरिया के रक्षा मंत्री मुरहफ अबू क़सरा ने घोषणा की कि उनकी सेना अब युद्धविराम का पूर्ण पालन करेगी और जब तक उन पर हमला नहीं होगा, वे गोली नहीं चलाएंगे।

इजराइल का समर्थन: ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा प्राथमिकता

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इजराइल कात्ज़ ने स्पष्ट किया कि सीरियाई सेना द्वारा स्वैदा में लाए गए हथियारों को नष्ट करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने कहा कि इजराइल के ड्रूज़ नागरिकों के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के कारण स्वैदा के ड्रूज़ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

इतिहास से जुड़े हैं ड्रूज़ और इजराइल के रिश्ते

ड्रूज़ समुदाय एक धार्मिक अल्पसंख्यक समूह है जिसकी उत्पत्ति 10वीं शताब्दी में शिया इस्लाम की एक शाखा से हुई थी। सीरिया में यह समुदाय मुख्य रूप से स्वैदा और दमिश्क के क्षेत्रों में रहता है। इजराइल के साथ इनका जुड़ाव नया नहीं है—1930 के दशक में फिलिस्तीन में जब अरब विद्रोह हुआ था, तब ड्रूज़ों ने यहूदी समुदाय का साथ दिया था।

वर्तमान में इजराइल में लगभग 1.5 लाख ड्रूज़ रहते हैं, जो मुख्य रूप से गोलान हाइट्स, गलील और कार्मेल क्षेत्रों में बसे हुए हैं। इनमें से कई इजराइली सेना में भी सेवा दे रहे हैं। इन्हीं ऐतिहासिक संबंधों के चलते आज इजराइल स्वैदा में ड्रूज़ समुदाय के लिए सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रहा है।

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