जोहानिसबर्ग। जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और आपसी हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की।
मुलाकात में रक्षा और सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, व्यापार और निवेश, शिक्षा और जन-संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की प्रगति की समीक्षा की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि दोनों पक्षों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी के पांच वर्ष पूरे होने पर संतोष व्यक्त किया और इसे और मजबूत करने के मार्गों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत बनाने पर भी सहमति जताई।
अलबनीज ने हाल ही में दिल्ली में हुए आतंकवादी हमले और सऊदी अरब में बस हादसे में मारे गए भारतीय नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहरा रिश्ता है और रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा और आर्थिक सहयोग को और बढ़ाने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया पर अल्बनीज ने लिखा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया करीबी दोस्त और रणनीतिक साझेदार हैं, और दोनों देशों के रिश्ते व्यापार, सुरक्षा, शिक्षा और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मजबूत हैं।
इससे एक दिन पहले ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने दिल्ली में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। दोनों पक्षों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय ने दिखाया रंग
प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत जोहानिसबर्ग के एक होटल में भारतीय समुदाय ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ किया। बच्चों ने गणपति प्रार्थना और शांति मंत्र का पाठ किया, जबकि एक महिला कलाकार ने गंगा की महिमा का भजन प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन प्रस्तुतियों को देखकर प्रसन्नता जताई और सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, "दक्षिण अफ्रीका में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता देखने को मिली। यह गर्व की बात है कि भारतीय समुदाय अपनी जड़ों से जुड़ा है।" कार्यक्रम में देश के 11 राज्यों के लोक नृत्य और सांस्कृतिक रंग प्रस्तुत किए गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम हमारे देशों के बीच गहरे संबंधों को और मजबूत बनाते हैं और भारतीय समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करते हैं।