पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में चल रही अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पहुंचे। रिपोर्ट्स के अनुसार, शहबाज शरीफ को पुतिन की ओर से बुलावा नहीं मिलने के कारण उन्हें 40 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। लंबा इंतजार होने के बाद उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ बैठक में जबरन प्रवेश किया।
मीडिया में वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि शरीफ कुर्सी पर बैठकर इंतजार करते हुए नाखून चबा रहे थे। इसके बाद उन्होंने पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के बीच चल रही बैठक का दरवाजा जबरन खोला और कमरे में प्रवेश किया। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में वह लगभग 10 मिनट ही रहे और इसके बाद बाहर निकल आए। बताया जा रहा है कि पुतिन और एर्दोगन ने उनसे कुछ बातचीत की, लेकिन उन्हें कोई खास ध्यान नहीं दिया गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, शहबाज शरीफ का यह कदम पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का कारण बन गया है। यह पहली बार नहीं है जब शरीफ की किसी वैश्विक बैठक में ऐसी स्थिति सामने आई हो। इसी साल सितंबर में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भी वह पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पीछे दौड़ते दिखाई दिए थे, जबकि उन्हें सीधे बुलावा नहीं मिला था।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कभी-कभी यह उनके देश की छवि पर भी असर डाल रहा है।