थिम्फू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूटान दौरे का बुधवार को दूसरा दिन था, जहां उन्होंने भूटान के चौथे राजा द्रुक ग्यालपो जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में दोनों देशों के बीच आर्थिक, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और संपर्क (कनेक्टिविटी) के क्षेत्रों में सहयोग को और सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के वर्तमान राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ थिम्फू में आयोजित ‘कालचक्र अभिषेक’ कार्यक्रम का उद्घाटन भी किया। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “चौथे राजा द्रुक ग्यालपो से शानदार मुलाकात हुई। बीते वर्षों में भारत-भूटान संबंधों को मजबूत करने में उनके प्रयासों की मैं सराहना करता हूं। ऊर्जा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में सहयोग के नए रास्तों पर विचार हुआ।” उन्होंने गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना की प्रगति की भी प्रशंसा की, जिसे भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के अनुरूप बताया।
भूटान के राजा ने दिल्ली कार धमाके में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। भारत सरकार ने भूटान के इस मानवीय समर्थन और एकजुटता की सराहना की।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना और आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत भूटान की विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने और सतत विकास को बढ़ावा देने में सहयोग जारी रखेगा।
इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के राजा ने 1,020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-2 जलविद्युत परियोजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। भूटान सरकार ने इसे दोनों देशों की मित्रता और सहयोग का प्रतीक बताया और भारत को बिजली निर्यात की शुरुआत का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने 1,200 मेगावाट की पुनात्सांगछू-1 परियोजना के मुख्य बांध ढांचे पर काम दोबारा शुरू करने पर भी सहमति जताई। इसके पूरा होने पर यह परियोजना भारत-भूटान के बीच विकसित सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना होगी, जो दोनों देशों के ऊर्जा सहयोग को और मजबूती देगी।