नई दिल्ली/सना। केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी दिए जाने की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। यमन के अधिकारियों ने यह निर्णय भारत सरकार के हस्तक्षेप और केरल के प्रमुख सुन्नी नेता कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार की मध्यस्थता के बाद लिया है।

निमिषा को वर्ष 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तालाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि अंतिम अपील 2023 में खारिज हो चुकी है। 16 जुलाई 2025 को उनकी फांसी की तारीख तय की गई थी, लेकिन अब इस पर अस्थायी रूप से विराम लग गया है।

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने निमिषा के परिजनों को पीड़ित पक्ष से समझौते के लिए और समय दिलाने की दिशा में लगातार प्रयास किए हैं। भारतीय दूतावास के अधिकारी यमन के अभियोजक कार्यालय और जेल प्रशासन के साथ निरंतर संपर्क में हैं।

गौरतलब है कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिसमें फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने अदालत को बताया था कि भारत यमन से संपर्क में है और जब तक बातचीत जारी रहेगी, तब तक फांसी की कार्रवाई को टालने की कोशिश की जाएगी।

फिलहाल निमिषा प्रिया यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं और मामले को सुलझाने के लिए राजनयिक स्तर पर संवाद जारी है।